नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा सनेमा घरों में राष्ट्रगान बजाये जाने का कई लोग स्वागत कर रहे हैं तो कई लोगों के इसको लेकर सवाल भी हैं। ऐसा नही है कि यह पहली बार हो रहा है जब सनेमा घरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा। महाराष्ट्र में पिछले 13 साल से सनेमा घरों में राष्ट्रगान बजाया जा रहा है। साल 2003 में महाराष्ट्र में विधानसभा द्वारा यह कानून शुरू किया गया था। संविधान में मूल कर्तव्य से जुड़े भाग में राष्ट्रीय प्रतीकों के सम्मान का जिक्र किया गया है। आर्टिकल 51(A)(a) में संविधान, झंडा, राष्ट्रगान के आदर की चर्चा की गई है।
राष्ट्रगान को लेकर कई तरह के कानून में भी बनाएं गए है जिसमें राष्ट्रगान गाने से रोकने या बाधा पहुंचाने पर प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट के तहत सजा का प्रावधान है। इसके एक्ट के तहत तीन साल कैद या जुर्माना भरने की सजा संभव है। जानबूझकर बाधा पहुंचाने, रोकने पर सजा है। हालांकि कानून में राष्ट्रगान गाने या बजाने के दौरान व्यवहार का जिक्र नहीं है। 2005 के संशोधन में भी जिक्र नहीं कि राष्ट्रगान के वक्त खड़ा या बैठे रहा जाएं। पहले फिल्म खत्म होने के बाद राष्ट्रगान बजता था। जिसमें राष्ट्रगान बजते समय खड़े होने की परंपरा थी। लेकिन फिल्म खत्म होते ही लोग जाने लगते थे अब ऐसे में फिल्म के शुरू में राष्ट्रगान बजने लगा।
पिछले साल दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में मुंबई के एक थिएटर में राष्ट्रगान के समय एक व्यक्ति अपनी सीट पर बैठा रहा इसको लेकर विवाद हुआ। राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने राजनीति शुरू की तो ओवैसी की एमआईएम भी इसमें कूद पड़ी थी। इसके बाद मनसे के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया लेकिन थोड़े दिनों बाद मामला शांत हो गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पहले भी राष्ट्रगान के विषय के मामला सामने आया था। जहां 1986 में बिजोए एमनुअल Vs केरल राज्य के मामले में फैसला सुनाया गया था। कोर्ट ने जेहोवाह विटनेस सेक्ट के तीन बच्चों को छूट दी थी। इन बच्चों ने अपने स्कूल में राष्ट्रगान नहीं गाया था। हालांकि ये बच्चे राष्ट्रगान के दौरान खड़े थे और तब सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर करना धर्म के मूल अधिकार का उल्लंघन करना है।
हालही में अक्टूबर में पणजी में दिव्यांग लेख क सलिल चतुर्वेदी की पिटाई का मामला सामने आया है। पिटाई की वजह सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के दौरान खड़े नहीं होने पर की गई है। मुंबई में कुर्ला के एक मल्टीप्लेक्स में मुस्लिम परिवार की पिटाई गई है। इतना ही नहीं परिवार को सिनेमा हॉल से बाहर भगा दिया गया है।