इलाहाबादः यह सुनने में बड़ा अटपटा जरूर लग रहा पर सच्चाई यही है कि ऐसा भी एक गांव है जहां सबका जन्मदिन एक जनवरी को ही दर्ज है ।
इलाहाबाद की बारा तहसील के कंजासा गांव में क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बुजुर्ग सबकी पैदाइश की तिथि एक जनवरी है, वर्ष जरूर अलग है। बायोमीट्रिक पहचान के लिए बनाये गए आधार कार्ड यही बताते है।
यह किसकी चूक है, यह साफ नहीं हो सका है। एसडीएम राजकुमार द्विवेदी का मानना है कि ग्रामीणों की तरफ से जन्म तारीख का साक्ष्य न दे पाने पर लगता है यह नौबत आई है।कंजासा गांव की आबादी करीब 12 हजार है। पांच हजार से ज्यादा लोग मतदाता हैं। यहां लोगों को जो आधार कार्ड ग्रामीणों को मिला है, उस पर जन्मदिन एक जनवरी ही लिखा हुआ है।
ग्राम प्रधान राम दुलारी, उनके पति जगदीश प्रसाद व बहू मीनू और घर के बच्चों का जन्मदिन एक जनवरी अंकित है। आधार के अनुसार गांव के शीतला प्रसाद, पत्नी निर्मला, बेटी रूबी, बेटे अविनाश, अभयराज व अभिषेक, अवधेश उनकी पत्नी मुखरनिशा, बेटा रमेश और रितेश, राकेश कुमार उनकी पत्नी रेनू, बेटा महेश और बेटी सिम्मी भी एक जनवरी को पैदा हुए हैं।
गांव के मुकेश बताते हैं कि उनकी पत्नी सावित्री व बेटे भारद्वाज के जन्म की तारीख भी एक जनवरी अंकित है। भगवानदास, पत्नी सरोजा बेटियां पूजा, रूपा और सरिता की भी यही शिकायत है।जिन नामों का जिक्र यहां है, सभी ने सहज जनसेवा केंद्र से अलग-अलग महीने में आधार कार्ड बनवाया था। गड़बड़ी कहां हुई, यह बड़ा सवाल है।
सहज जनसेवा केंद्र के एक कर्मचारी का कहना है कि जो ग्रामीण आधार कार्ड बनवाने आते है, उनको अपनी जन्मदिन मालूम नहीं होती, ऐसे में कुछ लोगों के कार्ड में जन्म की तारीख एक जनवरी डाल दी गई। वैसे कर्मी की यह सफाई गले नहीं उतरती। एक बार मान भी लिया जाए कि पुराने लोगों की जन्मदिन नहीं मालूम लेकिन जो बच्चे हैं उनके आधार कार्ड में गलती क्यों हुई।
एसडीएम का कहना है कि कंजासा गांव में करीब 10 हजार लोगों की जन्मतिथि एक जनवरी होने के कारण का पता किया जाएगा। आधार कार्ड में जन्म की तारीख गलत दर्ज होने की शिकायत ग्रामीणों ने ब्लाक स्तरीय अधिकारियों से की, पर वहां उनकी सुनवाई नहीं हुई। आसपास के कई अन्य गांव में भी ज्यादातर लोगों के आधार कार्ड पर जन्मतिथि की जगह एक जनवरी का ही उल् लेख अंकित है।