रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा में CRPF जवानों पर नक्सलियों के हमले के मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. जिन 26 जवानों की लाश मिली है, उनमें से कुछ जवानों के गुप्तांग कटे थे. बताया जा रहा है कि शव लेने के लिए रेस्क्यू पार्टी मौके पर पहुंची तो पता चला कि कई जवानों के प्राइवेट पार्ट्स काट लिए गए थे.
बस्तर में तैनात जवानों द्वारा आदिवासी महिलाओं व युवतियों के साथ ज्यादती के आरोप लगते रहे हैं. इस अमानवीय कृत्य को महिला नक्सलियों की बदले की कार्रवाई के रूप में भी देखा जा रहा है.
धारदार हथियार से करीब 6 शहीद जवानों के गुप्तांग काट दिए. बुरकापाल हमले में शामिल नक्सलियों में लगभग एक तिहाई महिला थीं, इसके चलते इस बात को और बल मिल रहा है.
कुछ जवानों का गला रेता गया था, जबकि कुछ के चेहरे और सिर कुचल दिए गए थे. एक सीनियर पुलिस अफसर ने बताया, 'हम सिर्फ यही कह सकते हैं कि हमले में शहीद हुए बहुत सारे जवानों के अंग काटे गए.' माना जा रहा है कि नक्सलियों की इस हैवानियत का मकसद सुरक्षाबलों के साथ-साथ स्थानीय आदिवासियों को संदेश देना था.
पुलिस के सूत्रों का कहना है कि माओवादी मारे गए जवानों के शरीर के साथ अमूमन ऐसी हरकत नहीं करते. इस तरह की हरकत से शायद वे स्थानीय आदिवासियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि उन्होंने सुरक्षाबलों द्वारा सिक्यॉरिटी ऑपरेशंस के दौरान कथित तौर पर रेप और छेड़छाड़ के मामलों का बदला ले लिया है.
एक अफसर का कहना है कि इस तरह की हरकत के जरिए माओवादी सुरक्षाबलों में डर फैलाना चाहते हैं. इससे वे गांववालों को ये भी मेसेज देना चाहते हैं कि वे सुरक्षाबलों की मदद करने से बाज आएं.