भाग–2
दिशा जब दस साल की थी तभी सभी को एहसास हो गया था कि अब दिशा की लंबाई ज्यादा नहीं बढ़ेगी और उसके बाद दिशा का ट्रीटमेंट शुरू हो गया। तरह तरह के सिरप, लंबाई बढ़ाने के जो भी उपाय किसी से पता लगते या टीवी में दिखाई पड़ते, वो सारे ही उपाय प्रयोग में लाए गए लेकिन उन सभी का नतीजा कुछ नही निकला, दिशा की लंबाई ज्यादा नहीं बढ़नी थी तो नही बढ़ी।
"ये लोग भी गए। पता नही इस लड़की की लंबाई किस पर गई है, सब इतने लंबे है और ये है की……", दिशा की मम्मी बहुत अफसोस से कहने लगी।
दिशा वहां चुपचाप अपनी गर्दन झुकाए खड़ी थी।
"मम्मी ये लंबाई, गौरापन, खूबसूरती ये सब इंसान के अपने हाथ में थोड़ी ना होता है, मेरी दीदी अच्छी है और देखना उन्हे बहुत अच्छा लड़का मिलेगा", स्नेहा ने दिशा के पास आते हुए कहा।
"हां वैसे भी वो लोग मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहे थे", दिशा के पापा ने भी कहा।
"बात तो आप ठीक कह रहे हैं, लड़का तो ठीक था लेकिन उसकी मां पुराने ख्यालात की लग रही थी", मम्मी ने कहा।
"दिशा तुम भी अब अपने कपड़े बदल लो", मम्मी ने एक लंबी सांस लेते हुए कहा।
स्नेहा दिशा को ले कर उसके कमरे में चली गई।
"सुनो जी, दिशा की बुआ भी तो कह रही थी एक रिश्ते के लिए, एक बार उनसे बात करके देख लीजिए", दिशा और स्नेहा के जाते ही दिशा की मम्मी ने उसके पापा से कहा।
"उन्होंने एक रिश्ते के लिए कहा तो था लेकिन वो तो बहुत पहले की बात है, अब तक तो उस लड़के की शादी भी हो गई होगी", दिशा के पापा ने याद करते हुए कहा।
"फिर भी कोशिश करके देखने में क्या जा रहा है", दिशा की मम्मी ने कहा।
"ठीक है, मैं एक बार उनसे बात करके देखता हूं, या फिर उन्हें यहां बुला लेता हूं, क्योंकि ऐसे direct बोलूंगा तो वो यहीं सोचेंगी कि मतलब से फोन कर रहा है" दिशा के पापा ने कहा।
"हां ये तरीका भी सही रहेगा", दिशा की मम्मी ने कहा।
स्नेहा दिशा को ले कर उसके कमरे में आ गई।
"दीदी आप ठीक तो है ना?", स्नेहा ने दिशा को गौर से देखते हुए पूछा।
"हां मैं ठीक हूं", दिशा ने कहा।
"आप इन बातों पर ज्यादा ध्यान ना दिया करो वैसे भी वो लोग मुझे तो बिल्कुल भी पसंद नहीं आए", स्नेहा ने कहा।
"मैं ध्यान नहीं देती और वैसे भी ये कोई पहली बार तो हुआ नही है", दिशा ने थोड़ी मायूसी से कहा।
"दीदी आप बहुत अच्छी हैं, देख लेना आपको कोई बहुत ही अच्छा लड़का मिलेगा", स्नेहा ने कहा।
"तू तो बहुत अच्छी अच्छी बातें करने लगी है", दिशा ने थोड़ी मुस्कुराहट के साथ कहा।
"आपकी बहन हूं तो आपसे कुछ तो सीखूंगी ही", स्नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा।
"चल अब जा मैं चेंज कर लेती हूं", दिशा ने कहा और फिर स्नेहा दिशा के कमरे से बाहर आ गई।
अगले दिन जब दिशा कॉलेज पहुंची तो उसकी सहेली प्रीति उसका वहीं इंतजार कर रही थी।
दिशा को देखते ही प्रीति उसके पास आ गई।
"क्या रहा कल के रिजल्ट का? पास या फेल?", प्रीति ने बेसब्री से पूछा।
"फेल", दिशा ने कहा।
"फेल! तूने फेल किया या उन लोगों ने?", प्रीति ने पूछा।
"तुझे पता ही है कि किसने फेल किया होगा, मेरी ऐसी किस्मत कहां है जो कि मैं किसी को फेल करूं", दिशा ने लंबी सांस लेते हुए कहा।
"वैसे अच्छा ही हुआ, नही तो तू मुझे छोड़ कर चली जाती, कुछ दिनों में एग्जाम हो जायेंगे और फिर हम दोनों आराम से किसी हॉस्पिटल में जॉब करने लग जायेंगे", प्रीति ने कहा।
"हां मुझे भी ऐसा ही लगता है कि जॉब लगते के साथ ही सब सही हो जायेगा", दिशा भी सोचते हुए कहने लगी।
शाम को दिशा जब घर आई तो देखा कि उसकी बुआ वहां आईं हुई है।
"बुआ जी नमस्ते, आप कैसी है?", दिशा ने अपनी बुआ को देख कर कहा।
"अरे नमस्ते नमस्ते आ जा, मेरे पास बैठ", दिशा की बुआ ने दिशा को अपने पास बैठने के लिए इशारा किया।
दिशा उनके पास आ कर बैठ गई।
"कुछ भी कहो लेकिन हमारी बेटी दिशा बहुत प्यारी है, तुमसे कितनी बार कहा होगा कि दिशा को कुछ दिन के लिए मेरे पास भेज दो लेकिन तुम हो की भेजती ही नही हो", दिशा की बुआ ने उसकी मम्मी से शिकायत करते हुए कहा।
"दीदी बस अभी बीच में दो चार रिश्ते वाले आ गए थे और अब इसके एग्जाम आ गए हैं, बस एग्जाम खत्म होते ही इसे आपके पास भेज दूंगी", दिशा की मम्मी ने कहा।
"तो क्या रहा, कहीं से कोई बात बनी?", बुआ ने पूछा।
"दिशा तुम जाओ बेटा कुछ खा पी लो", मम्मी ने कहा तो दिशा वहां से उठ कर चली गई।
"दीदी कहीं से भी कोई बात नही बन रही है, सब इतनी कम लंबाई को देख कर ही पीछे हट जाते हैं", मम्मी ने परेशान होते हुए कहा।
"तुम लोग मुझे कुछ बताते तो हो नहीं, मेरी नजर में एक लड़का है, अच्छे खाते पीते घर का है, मैं बात करती हूं वहां", बुआ ने कहा।
"हां दीदी एक बार कर लीजिए बात, मैं अब बहुत ज्यादा परेशान हो गई हूं, लोग आते है और खा पी कर चलते बनते है, हर बार हजार रुपए तो इसी में चले जाते है और होता कुछ भी नही", मम्मी ने मायूस होते हुए कहा।
"तुम बिल्कुल चिंता मत करो, मौका लगा तो आज ही बात करती हूं", दिशा की बुआ ने कहा।