भाग–3
शाम को मौका मिलते ही दिशा की बुआ ने उस लड़के से बात चलाने के लिए उसके पापा को फोन मिला दिया।
"नमस्ते बहन जी, कैसी हैं आप?", लड़के के पापा ने फोन उठाते ही पूछा।
"भाई साहब मैं अच्छी हूँ, आप बताइए कैसे हैं?", दिशा की बुआ ने पूछा।
"मैं भी ठीक ही हूँ, वैसे आपने फोन किया है तो जरूर कोई खास बात ही होगी", लड़के के पापा ने कहा।
"आप ठीक कह रहें है, मैंने बस यहीं जानने के लिए फोन किया था कि सचिन का कहीं रिश्ता हुआ है या नहीं?", दिशा की बुआ ने पूछा।
"अरे बस क्या बताएं बहन जी, कहीं भी बात पक्की नहीं हो रही है, हम तो बहुत ही परेशान हो गए हैं", लड़के के पापा ने थोड़ा परेशान हो कर कहा।
"मेरी नजर में एक रिश्ता है, मेरी सगी भतीजी ही है, अगर आप कहो तो मैं बात कर लूँगी", दिशा की बुआ ने कहा।
"अगर आपकी ही भतीजी है तो ये तो हमारे लिए और भी अच्छी बात है, हम कल ही लड़की वालों के यहाँ पर आ जाते है", लड़के के पापा ने कहा।
"ठीक है भाई साहब जैसे आपको ठीक लगे बस एक छोटी सी बात आपको बतानी थी", दिशा की बुआ ने कुछ अटकते हुए कहा।
"हाँ हाँ बताइए", लड़के के पापा ने पूछा।
"लड़की हर तरह से बढ़िया है बस उसकी लंबाई थोड़ी सी कम रह गई है", दिशा की बुआ ने कहा तो लड़के के पापा कुछ देर के लिए चुप हो गए।
"हैलो, क्या हुआ है भाई साहब?", दिशा की बुआ ने कहा।
"कहीं फोन तो नहीं काट दिया", ये कह कर दिशा की बुआ ने अपने मोबाईल की स्क्रीन देखी तो फोन चल रहा था कटा नहीं था।
"हैलो, बहन जी मेरी आवाज नहीं आ रही है क्या?", दिशा की बुआ ने लड़के के पापा की आवाज सुनी तो दुबारा फोन अपने कान से लगा लिया।
"अरे भाई साहब मैं तो हैलो हैलो कर रही थी लेकिन आपकी तरफ से आवाज ही नहीं आ रही थी", दिशा की बुआ ने कहा।
"बहन जी मैं भी लगातार ही बोल रहा था, खेर छोड़िए इस बात को, मुझे ये बताइए कि लड़की की लंबाई कितनी होगी?", लड़के के पापा ने पूछा।
"उसकी लंबाई लगभग चार फीट है वैसे हील पहन कर वो ठीक ठाक लंबी दिखती है", दिशा की बुआ ने एक बात और जोड़ते हुए कहा।
"बहन जी चार फीट तो बहुत कम लंबाई होती है", लड़के के पापा ने कहा।
"भाई साहब मैं आपकी सब बात मान गई लेकिन एक बार लड़की को देख तो लो बाकी तो जोड़ी वहीं जुड़ेगी जहां पर लिखी होगी", दिशा की बुआ ने कहा।
"ठीक है बहन जी जब आप कह रही हैं तो हम कल ही वहाँ आ जाते हैं", लड़के के पापा ने कहा।
"ठीक है भाई साहब, मैं कल आपका इंतजार करूंगी, अच्छा नमस्ते", ये कह कर दिशा की बुआ ने फोन काट दिया और फिर दिशा की मम्मी को ये बात बताने के लिए चली गईं।
"दिशा की मम्मी कहाँ हो?", उन्होंने कमरे से बाहर आ कर आवाज लगाई।
"जी दीदी", दिशा की मम्मी ने आ कर पूछा।
"मैंने कहा था ना कि मेरी नजर में एक लड़का है तो मैंने उसके पापा से बात कर ली है, कल वो लोग दिशा को देखने के लिए आ रहे हैं और सबसे बड़ी बात ये है कि मैंने उन्हे पहले ही दिशा की लंबाई के बारे में बता दिया है तो कल की तैयारी जरा अच्छे से कर लेना और दिशा को भी बोल देना", दिशा की बुआ ने कहा।
"ठीक है दीदी मैं सब देख लूँगी बस भगवान इस बार तो बात पक्की हो ही जाये", दिशा की मम्मी ने भगवान की तस्वीर की तरफ हाथ जोड़ते हुए कहा।
"परेशान ना हो, अब जब मैं यहाँ आ गई हूँ तो दिशा का रिश्ता पक्का करवा दी दूँगी", दिशा की बुआ ने कहा।
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लड़के के पापा ने फोन काटा और फिर अपने बेटे सचिन की मम्मी को आवाज देने लगे।
"अरे शकुंतला कहाँ गई, जरा यहाँ आना", लड़के के पापा राजेश ने आवाज लगाते हुए कहा।
"हाँ जी बोलिए", शकुंतला ने वहाँ आ कर पूछा।
"सचिन के लिए एक रिश्ता आया है, वो है ना राहुल की मम्मी उन्ही की सगी भतीजी है, वो अपनी नन्द के यहाँ पर ही है तो कल बुला रही है लड़की देखने के लिए", राजेश ने कहा तो शकुंतला की आँखें भी चमकने लगी।
"जरा रुको मैं सचिन को भी बुला लेती हूँ, शकुंतला ने कहा और सचिन को आवाज देने लगी।
थोड़ी देर में सचिन भी वहाँ आ गया।
राजेश ने सचिन पर एक नजर डाली।
"थोड़ी शक्ल ठीक कर ले, क्या ये मनहूस सी शक्ल बना रखी है, अभी जा कर ये दाढ़ी मूंछ साफ करवा ले और ये साइड के थोड़े थोड़े बाल कटवा ले, कल लड़की देखने जाना है", सचिन के पापा ने मुंह बनाते हुए कहा।
"पापा आपको तो मेरी हर चीज में ही कमी लगती है, सही तो लग रही है शक्ल, इतनी दाढ़ी तो सभी रखते हैं", सचिन ने कहा।
"तू ऐसा कर की दाढ़ी और बढ़ा कर सन्यासी बन जा, वैसे भी तेरी शादी तो हो नहीं रही है", उसके पापा ने चिढ़ कर कहा।
"ये कटवा लेगा बाल, आप उस लड़की के बारे में बताओ", सचिन की मम्मी ने कहा।
"देखो वो बता रहीं थी कि लड़की सब तरह से ठीक है बस उसकी लंबाई थोड़ी कम रह गई है, उसकी लंबाई बस चार फीट है", सचिन के पापा ने कहा।
"बस चार फीट? ये लड़की तो नाटी है", शकुंतला ने मुंह बनाते हुए कहा।
"पापा ये तो बहुत छोटी है, मुझसे कम से कम डेढ़ फीट छोटी है", सचिन ने कहा।
"अरे यार कोई रिश्ता आता नहीं है और तुम दोनों का नाक मुंह सिकोड़ना शुरू हो जाता है, जरा खुद को देख पूरी पढ़ाई भी नहीं की है, ये डेरी का काम भी मैंने करवा कर दे दिया तो कर रहा है नहीं तो कुछ करना ही नहीं है, तुम लोग तो ऐसे करते हो जैसे की कोई हेरोइन आएगी इससे ब्याहने के लिए", सचिन के पापा ने भड़कते हुए कहा।
"तू नाई के पास जा, और ये सब साफ करवा, कल हम लड़की देखने जाएंगे", सचिन के पापा ने कहा और फिर वहाँ से अंदर चले गए।
"मम्मी तुम्हीं पापा को समझाओ ना", सचिन ने परेशान सा हो कर अपनी मम्मी से कहा।
"पहले कल एक बार लड़की देख लेते हैं फिर मैं तेरे पापा से बात कर लूँगी तू परेशान ना हो", सचिन की मम्मी ने समझाते हुए कहा।