रांची: रांची सदर के डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव जब हाथों में किताबों का बंडल लेकर चले तो सभी समझ गए कि आज फिर किसी होनहार छात्र की किस्मत खुलने वाली है. आज फिर किसी भावी अधिकारी का बीजारोपण होने वाला है. हुआ भी कुछ ऐसा ही. डीएसपी साबह किताबें लेकर एक गरीब छात्रा निशु सिंह के घर पहुंचे. उसे किताबें भेट की. कुछ देर रुके और बताया कि कैसे अधिकारी बनने के लिए जरूरी तैयारी की जाती है. अपने हालात से हताश हो चुकी निशु सिंह को जब डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव का साथ मिला तो मानों उसके सपनों को पंख लग गएं.
जनता दरबार में की थी शिकायत
पिछले दिनों जनता दरबार में निशु सिंह ने मंत्री अमर बाउरी के सामने अपनी व्यथा सुनाई थी. वो 11वीं की छात्रा है और परिवार वालों की हालत ऐसी नहीं है कि उसके पढ़ने का खर्च उठा सके. निशु के पिता ड्रईवर हैं और उसकी मां किडनी की मरीज. इस वजह से पिता जो कमाते हैं मां की इलाज में उसका ज्यादातर हिस्सा खत्म हो जाता है. इसलिए वो अपनी आगे की पढ़ाई ठीक ढंस से नहीं कर पा रही है. उसका सपना है कि वो पढ़लिख कर अधिकारी बने और देश की सेवा करे.
डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव को मंत्री ने दी जिम्मेदारी
मामला सामने आते ही मंत्री जी ने इस मामले को सदर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव के हाथों में थमा दिया. आपको बता दें कि डीएसपी साहव ने अब तक करीब 150 ऐसे छात्रों की मदद की है जो मेधावी थे, पढ़ना चाहते थे पर उनके पास पैसे नहीं थे या कोई गाईडलाइन नहीं था. मंत्री जी का आदेश मिलते ही सदर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव अपने मिशन पर लग गए. जरूरी किताबें लेकर बच्ची के घर जाकर उससे मुलाकात की और उसे किताबें भेट की.
कई छात्रों को दिलाई है मंजिल
गौरतलब है की डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव झारखंड को अब तक 150 अफसर दे चुके हैं. मूल रूप से हजारीबाग के रहने वाले विकास वर्ष 2001 से शिक्षण से जुड़े हैं. सामान्य ज्ञान , इतिहास व भूगोल पर इनकी अच्छी पकड़ है. इसके माध्यम से उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने वाले कई स्टूडेंट्स को पढ़ाया और उन्हें उनके मंजिल तक पहुंचाने में मदद की.