
नई दिल्लीः छोटा राजन खुद को देशभक्त गैंगस्टर मानता है। स्पेशल कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी में छोटा राजन ने कई खुलासे किया। उसने कहा कि जिस मोहन कुमार नामक नकली पासपोर्ट के आरोप में उसे बकॉक गिरफ्तार किया गया, वह पासपोर्ट उसे भारतीय एजेंसियों ने ही मदद के चलते दिया था। हालांकि वह नामों का खुलासा नहीं करेगा कि किसने उसकी मदद की। क्योंकि इससे देश को नुकसान हो सकता है। उसने कहा कि मुंबई बम ब्लॉस्ट के बाद से दाउद के साम्राज्य को तबाह करने के लिए मोर्चा लेने लगा। देश के लिए काम करने लगा। जिससे दाउद उसे दुश्मन मानने लगा।
बेकसूर लोगों को मारने वाले देश के दुश्मनों से लेता रहा मोर्च
छोटा राजन ने स्पेशल जज के विनोद कुमार से कहा कि- मैं देश के दुश्मनों और आतंकियों के विरुद्ध इसलिए लड़ता रहा, क्योंकि वे निर्दोषों का खून बहाते हैं। हमेशा इन दुश्मनों के खिलाफ वह जंग जारी रखेगा।
जब से दाउद ने मुंबई में 1993 में बम ब्लॉस्ट किए, तब से मैंने उसके खिलाफ जंग छेड़ दी और देश के लिए काम करने लगा।
मुंबई बम ब्लास्ट में भारतीय एजेंसियों की मदद पर दाऊद ने कराया हमला
छोटा राजन ने कहा कि दाउद को पता चला कि में मुंबई बम ब्लास्ट में भारतीय एजेंसियों की मदद कर जानकारी पहुंचा रहा हूं। इससे घबराकर दाउद ने मुझे मारने की कोशिश की। उसके गुर्गों ने दुबई में मेरा पासपोर्ट कब्जे में ले लिया।
राजन ने कहा कि वह दुबई में दाउद के गुर्गों ने मारने की कोशिश की तो वह बच गया और फिर वहां से मलेशिया पहुंचा। फिर बैकांक। यहां भी हमला हुआ तो भारतीय एजेंसियों ने मोहन कुमार नाम से पासपोर्ट दिया। 2000 मे बैकॉक में दाउद ने हमला कराया।