ye kahani utrakhand ke rajdhani dheradhun ki hai ye seher dekhne me jitna sudar hai utnahi khupnak daravna raaz chupaye betha hai is seher ke visar purane jagalo me badale ka purana bhij buya gya tha jo samay ke sath dhire dhire bara hone laga hai
दोस्त जीवन में हम बहुत तरह के दोस्त बनाते हैं। कुछ अच्छे, कुछ बुरे। पर क्या हर दोस्त मुसीबत में हमेशा हमारे साथ रहता है?नहीं ना। कुछ ही ऐसे है जिन्हें हम अपना परम मित्र कहते हैं। यानी कि : "बेस्ट फ्रेंड्स " कहानी और
काश की उस रात रोहन उस सुनसान रास्ते से नही गया होता ,काश की रोहन उस रात को वो खौफनाक मंजर ना देखा होता ,काश रोहन की गाडी खराब ना हुई होती ,काश,,, काश,,,,काश की वो सब रोहन ना देखा होता जो रोहन ने उस रात को अपनी ऑखो से देखा ,,, आखिर रोहन ने ऐसा क्या दे
रात में रास्ते में पिकनिक के लिए जा रहा एक ग्रुप रास्ता भटक जाता है और पहुंच जाता है एक अनहोनी भरे गांव में जहां उनके साथ क्या होता पढ़िए और जानिए,,,,
कहानी है एक ऐसी लड़की की जो अपने गाँव में बहुत खुश रहती थी | पर उसको कहा पता था उसकी ख़ुशी एक दिन मौत बन कर रहे जाएगी | तोह चलिये हम सभी लोग कहानी को पढ़ते है |
प्यार के रिश्तों का और खौफ़ के रहस्यों का महायुद्ध... एक ऐसी सीरीज जिसमें आपको मिलेगीं बेहतरीन किरदारों से सजी ऐसी कहानी जो आपको प्रेम, रहस्य, रोमांच, हास्य और खौफ़ के अनदेखे संसार मे लेकर जाएगी जहाँ से आप कभी वापस नहीं जाना चाहेंगे। अध्याय 1 - आई लव
जज साहब ! मैं झूठ नहीं बोल रही हूॅं । मैं सच कह रही हूॅं । मेरी पति उसी आईने में कैद है जिसे वह पगलिया औरत शापित आईना कह कर संबोधित कर रही थी । सबके साथ - साथ पुलिस इंस्पेक्टर भी कहते हैं कि मैंने अपने पति का क़त्ल किया है और उनकी बॉडी को कह
चांद की आखिरी तारीख थी..इस जगह पर कोई नहीं आता था मैं भी पहले इस बात पर यकीन करता था... पर जब से शहर गया था तबसे इन बातों पर यकीन थोड़ा कम सा हो गया था.. लेकिन किया भी क्या जा सकता था मैं दिल ही दिल में अब यही सोच रहा था कि बस जल्दी से सुबह हो जाए
स्त्री का दहेज प्रथा से कैसे होता है जीवन अभिशापित देखिए एक झलक इस कहानी में।
मेरे द्वारा लिखी गई हॉरर स्टोरीज़ का संकलन।
आरंभ से 19 साल पहले। देहरादून से चौहत्तर किलो मीटर आगे पंचकूला नामक स्थान। यह जनवरी की ठिठुरती हुई सर्दियों की रात थी। श्रीधाम कॉलेज कैंपस में चारो तरफ कोहरे की घनी चादर फैली हुई थी। स्ट्रीट लैम्पों से टिमटिमाती हुई हल्की रोशनी निकल रही थी लेकिन
कहते हैं, हमारे सच्चे प्यार पर सिर्फ और सिर्फ हमारा ही हक़ होता है। पर क्या हो अगर, आपके शरीर पर ही हो कोई आत्मा का साया, जो आपके साथ करने लगे आपके सोलमेट से प्यार! ये कहानी एक ऐसी लड़की "करुणा" की है, जो अपने जन्म के साथ लेकर आयी थी, अपने परिवार की म
चमत्कारी जिन्न स्वस्तिक एक 35 वर्षीय युवक है। लेकिन वह अभी भी बेरोजगार है। छोटे-मोटे काम कर के वह अपनी जीविका चलाता है। देवभूमि उत्तराखंड के एक छोटे से पहाड़ी गांव में वह रहता है। यद्यपि वह पोस्ट ग्रेजुएट है। वह बहुत गरीबी में अपने द
"अधिशा " जिसका मतलब ही शुरूआत होता है ,ये एक 5 साल की लड़की जो स्कूल से आती है और मां मां खोजने लगती है कोई भी बच्चा चाहे कितना भी बड़ा हो जाए और कहीं से भी आये बस मां मां ही खोजते हैं और जब अधिशा को मां नहीं मिली तो हर जगह खोजने लगी और फिर कुछ सुना
श कोई है एक रहस्य से भरी कहानी है
एक अमर प्रेम, वो खुद फना होकर भी अपने प्यार के साथ साथ हैं।
एक झरने में जो भी जाता है तो वह जिंदा नही लौटता है
एक अनसुलझी.... अनसुनी.... बेहद ही रोचक.... लेकिन डरावनी कहानी....।।।।
हाल ही में रमन का ट्रांसवर दिल्ली शहर के मुंसीबल ऑफिस में हुआ था! रमन भोपाल का रहने वाला था! दिल्ली में ना तो कोई उसका सगा संबंधी रहता था! और नाहीं कोई यार दोस्त रहता था! रमन एक २५ साल का नावजवाँन युवक था! जिसकी शादी की बात चल रही थी! रमन के घर वाले