नई दिल्ली : डिजिटल दौर में अब न्याय प्रणाली भी व्हाट्सएप के अधीन हो चुकी है। ऐसा एक प्रयोग बीजेपी शासित हरियाणा में होने जा रहा है। जहाँ पहली बार व्हाट्सएप से समन भेजा जायेगा, यह अपने आप में देश में पहला प्रयोग है। पहले इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों ने ईमेल और फैक्स से समन भेजा जाता था। यह समन तीन भाइयों की सम्पति के विवाद में आईएएस अशोक खेमका की अगुवाई वाली एक फाइनैंशल कमिश्नर की अदालत द्वारा भेजा जाता है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार तीन भाइयों के विवाद में जब फाइनैंशल कमिश्नर की अदालत ने जब इस मामले में दोनों भाई से जवाब मांगा, तो रामदयाल को तो समन मिल गया लेकिन कृष्ण के काठमांडू में शिफ्ट हो जाने के कारण उसे समन नहीं मिला। स्थायीय रेवेन्यू अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसने कृष्ण से फोन पर बात की लेकिन उसने काठमांडू का अपना पता देने से इनकार कर दिया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मौजूदा समय में किसी व्यक्ति का ई-मेल अड्रेस या मोबाइल नंबर भी पता ही है।' कोर्ट ने आदेश दिया कि कोर्ट की सील के साथ समन की तस्वीर कृष्ण को उसके नंबर पर भेजा जाए और वॉट्सऐप पर की डिलिवरी रिपोर्ट के प्रिंटआउट को डिलिवरी प्रूफ के तौर पर माना जाएगा। गौरतलतब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक कार्यक्रम में परधानमंत्री ने भी न्यायप्रणाली में डिजिटल माध्यमों के इस्तेमाल की बात कही थी।