नई दिल्लीः नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया(NSE) में साफ्टवेयर सिस्टम में छेड़छाड़ कर ब्रोकर्स को फायदा पहुंचाने के खेल का इंडिया संवाद ने राजफाश किया तो खबर पर अब मुहर लग गई है। घपले की जांच तेज होते ही NSE की सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्णा को इस्तीफा देना पड़ा है। वैसे उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे निजी वजह बताई है। अंदरखाने बात सामने आ रही कि जनवरी में NSE की ओर से IPO लाया जा रहा। मोदी सरकार पारदर्शी तरीके से स्टॉक एक्सचेंज का काम देखना चाहती है। ऐसे में दागी सीईओ को दबाव में इस्तीफा देना पड़ा है। अब उनके स्थान पर NSE में कंपनी सेक्रेटरी जे रविचंद्रन को एमडी बनाया जा रहा है। चित्रा रामाकृष्णन अप्रैल 2013 में नियुक्त हुईं थीं, उनका कार्यकाल 2018 में खत्म होना था।
इंडिया संवाद को मिली थी सौ करोड़ की नोटिस
जब इंडिया संवाद ने स्टॉक एक्सचेंज में पैठ बनाए दलालों के रैकेट का खुलासा किया तो NSEप्रबंधन हिल गया। NSE की ओर से सौ करोड़ रुपये मानहानि का इंडिया संवाद पर मुकदमा हुआ। मामला मुंबई हाई कोर्ट पहुंचा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता को दबाने का मामला पाया। इंडिया संवाद की खबर के तथ्य सही मिलने पर कोर्ट ने उल्टे एनएसई पर ही 50 लाख का जुर्माना ठोंक दिया।
संसद की समिति ने इंडिया संवाद के दावे को ठहराया था सही
दीपक शर्मा ने इंडिया संवाद वेबसाइट पर रिपोर्ट जारी कर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में ब्रोकर्स को गैरकानूनी तरीके से फायदा पहुंचाने का खुलासा किया था। जिसकी गूंज संसद में भी हुई तो वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में वित्तीय परामर्श समिति ने स्टॉक एक्सचेंज की निगरानी करने वाली संस्था सेबी के चेयरमैन को तलब कर जांच करने को कहा। मार्च 2016 में हुई जांच में सेबी पैनल ने इंडिया संवाद की खबर के सभी तथ्यों को सही पाया। जांच में खुलासा हुआ कि एनएसई के सिस्टम से छेड़छाड़ कर दलालों को फायदा पहुंचाया गया।