नई दिल्ली : देश के आईआईटी और आईआईएम जैसे शिक्षण संस्थानों में सरकार की दखलंदाजी न हो अब सरकार भी इस बात को मान रही है। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर नए विधेयक से देश के आईआईएम संस्थानों को पूरी आज़ादी देने का मन बना रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की माने तो सरकार जिस नए विधेयक को लाना चाहती है उसको लेकर पिछली HRD मिनिस्टर स्मृति ईरानी उस वक़्त सहमत नही थी और इसी बात के चलते पीएमओ से उनके रिश्ते भी बिगड़े थे।
प्रकाश जावड़ेकर अब जिस नए विधेयक को लेकर सहमत हैं उसके सुझाव प्रधानमंत्री ने पिछले HRD मिनिस्टर को भी दिया था जिसमे कहा गाय था कि आईआईएम जैसे संस्थानों को पूरी स्वतंत्रता दी जाए, यानी आईआईएम जैसे संस्थानों में होने वाली नियुक्तियों के लिये संस्थानों को स्वतंत्रता दी जाए। अब जो नया विधेयक लाया जा रहा है उसमे सबसे बड़ी बात यह है कि आईआईएम अब अपने निदेशकों की नियुक्ति खुद कर सकता है जबकि अब तक चयन समिति निदेशकों के नाम नियुक्त करती थी।
नए विधेयक में अब राष्ट्रपति को भी आईआईएम की कार्यप्रणाली की समीक्षा का अधिकार नहीं होगा। स्मृति ईरानी जब HRD मिनिस्टर थी तब वह चाहती थी कि समन्वयक मंडल का अध्यक्ष एचआरडी मिनिस्टर को ही रहने दिया जाए।