क़तरा क़तरा इश्क़ मुझसे रूठता रहा
हर ख़्वाब निंगाहों में मेरा टूटता रहा ...!
कश्ती लहर के संग मेरी डूबती रही
मेरे हाथ से दामन जो तेरा छूटता रहा ...!!
27 अक्टूबर 2017
क़तरा क़तरा इश्क़ मुझसे रूठता रहा
हर ख़्वाब निंगाहों में मेरा टूटता रहा ...!
कश्ती लहर के संग मेरी डूबती रही
मेरे हाथ से दामन जो तेरा छूटता रहा ...!!
Nice bro
1 नवम्बर 2017
29 अक्टूबर 2017
वाह वाह
29 अक्टूबर 2017