नई दिल्ली : वेश्यावृत्ति के दलदल में एक बार अगर कोई महिला फंस जाती है तो इसकी गहरी खायी से निकलना आसान नहीं होता है. हालांकि वेश्यावृत्ति का पेशा तो पूरे विश्व में फैला हुआ है. लेकिन बांग्लादेश में वेश्यावृत्ति को कानूनी तौर पर लीगल माना जाता है.
धंधे बाज़ी का दलदल
बांग्लादेश के तंगेल जिले के कांडापारा वेश्यालय को देश का सबसे पुराना (लगभग 200 साल) और दूसरा सबसे बड़ा वेश्यालय माना जाता है. इस वेश्यालय को 2014 में तबाह कर दिया गया था, लेकिन स्थानीय गैर सरकारी संगठनों ने फिर से इसे शुरू कर दिया. यहां की महिलाओं को भी यही काम करना पसंद है.
अधिकारों की मांग कर फिर कूदीं धंधे में
यही नहीं महिलाओं ने खुद ही सेक्स वर्कर्स के रूप में अपने अधिकारों की मांग को सामने रखी थी और 2014 के अंत तक बांग्लादेश नेशनल वीमेन लॉयर्स एसोसिएशन ने हाई कोर्ट के सामने यह बात रखी कि सेक्स वर्कर्स की बेदखली एक अवैध कार्य था. इसके बाद सभी सेक्स वर्कर्स फिर से अपने घर पहुँच गई.
बंधुआ बनाकर रखा जाता है
बताया जाता है कि यहां जब भी कोई छोटी लड़की आती है, तो उसे पहले एक बंधुआ की तरह रखते है और जैसे ही ये लड़कियां 12 से 14 साल की हो जाती है,तो इन्हें भी इस जिस्मफरोशी के धंधे में उतार दिया है. इन लड़कियों को यहाँ कोई अधिकार भी नहीं दिया जाता. वे केवल एक महिला के आदेश पर काम करती है. यहाँ वे तब तक बंधुआ रहती है जब तक की उन्हें खरीदने के लिए चुकाए गए पैसे का क़र्ज़ चुकता नहीं होता.
कर्ज चुकाकर आज़ाद हो जाती हैं वेश्याएं
कर्ज चुकता होने के बाद वे खुद अपने ग्राहक का चुनाव भी कर सकती है और किसी ग्राहक को ना भी कर सकती है. इसके बाद ही वह इस धंधे को छोड़ भी सकती है. लेकिन कई सालो तक कलंक के इस माहौल में रहने के बाद वे खुद भी इस माहौल से अलग नहीं हो पाती है और खुद को एक यही का बनाकर रख देती है.