नई दिल्लीः सीमा पर जान हथेली पर रखकर पहरेदारी कर रहे जवानों के खाना पकाने के लिए अच्छी रसोई की भी सुविधा नहीं है। यह खुलासा हुआ है गृहमंत्रालय की ओर से कराई गई प्रारंभिक जांच में। बीएसएफ की 29 वीं बटालियन में तैनात जवान तेजप्रताप यादव की ओर से घटिया भोजन का वीडियो वायरल करने के बाद हरकत में आए मंत्रालय ने जब जांच कराई तो पता चला कि जिस जगह तेजप्रताप की बटालियन तैनात है, वहां भोजन बनाने की ठीक से सुविधा ही नहीं है। जाहिर सी बात है कि जब भोजन बनाने का मेस ही ठीक नहीं है तो जवान किस तरह का खाना खाने को मजबूर होंगे।
बीएसएफ के हाथ में नहीं है राशन सप्लाई
गृहमंत्रालय में उच्च पदस्थ एक अफसर ने इंडिया संवाद को बताया कि जिस जगह तेजप्रताप की बटालियन तैनात है, वह इलाका सेना के अधीन है। उसे आर्मी का आपरेशन एरिया बोलते हैं। इस नाते वहां राशन सप्लाई का जिम्मा आर्मी OPS के पास है। बीएसएफ की ओर से जवानों का खाना पकाने के लिए फालोवर्स की व्यवस्था होती है। जम्मू फ्रंटियर का मंदी मंदिर का इलाका काफी दुर्गम है। बर्फबारी होती है। जिससे आवागमन में दिक्कत होती है। वहां तमाम मूलभूत सुविधाएं ट्रांसपोर्ट की भी ठीक से व्यवस्था नहीं है। यही वजह है कि सेना की ओर से पूरे जाड़े के महीने का राशन एक ही बार में बीएसएफ की बटालियन को भेज दिया जाता है।
अफसर नकार रहे आरोप
हालांकि गृहमंत्रालय के अफसर यह नकार रहे हैं कि बीएसएफ के जवानों को घटिया राशन व खाना मिल रहा है। उनका कहना है कि बीएसएफ की संबंधित बटालियन को काफी रिच डाइट दी जाती है। हफ्ते में चार दिन चिकन, मटन दी जा रीह है। जिससे तमाम जवान इतनी रिच डाइट मिलने पर हार्ट में दिक्कत होने की शिकायत भी करने लगे। हालांकि गृहमंत्रालय के अफसर का कहना है कि पूरे मामले की जांच चल रही है। इसके बाद ही पता चलेगा कि दोषी कौन है।