नई दिल्ली : केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के सुकमा हमले में 25 जवानों की शहादत के बाद नक्सलियों से आमने सामने से दो दो हाथ करने के लिए बेचैन दिख रही है। नक्सलियों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए सीआरपीएफ को एक तरह से खुली छूट दे दी गई है और उनसे कहा गया है कि वे अगले कुछ हफ्तों में नतीजे सामने दिखाएं।
सीआरपीएफ पर हो रहे हैं हमलों के पीछे कौन ? गृह मंत्री राजनाथ सिंह चाहते हैं कि नक्सलियों के खिलाफ अब नई रणनीति के साथ उतरा जाए और उनके खिलाफ अब 'आर-पार' की लड़ाई लड़ी जाए। राजनाथ ने 8 मई को दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्यों की एक बड़ी बैठक भी बुलाई है जिसमें नई रणनीति पर बातचीत की जाएगी।एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार और सीआरपीएफ के कार्यवाहक महानिदेशक सुदीप लखटकिया से एक बैठक में कहा है कि उन कमियों और समस्याओं का पता लगाएं जिससे सीआरपीएफ पर इतने बड़े हमले हो रहे हैं। नक्सलियों को मार गिराने के लिए काउंटर स्ट्रेटजी को फिर से तैयार करे। मुझे दो से ढाई महीनों में जमीनी स्तर पर नतीजे चाहिए।
क्या बोले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ?
रिपोर्ट के मुताबिक राजनाथ के साथ हुई बैठक में सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ 'ऑल आउट अटैक' नाम की नई रणनीति को अमल में लाने पर विचार करना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक इस नीति में सर्जिकल स्ट्राइक जैसे तरीकों को भी शामिल किया गया है। इससे पहले सुकमा हमले के बाद मंगलवार को रायपुर पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वहां जाकर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने राज्य के सीएम रमन सिंह के साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये सीआरपीएफ के जवानों पर हमला नहीं, बल्कि कोल्ड ब्लडेड मर्डर है।