जीवन में कभी-कभी ऐसी घटनाएं होती हैं जिन्हें हम कभी नहीं भूल पाते हैं। खासकर वो घटनाएं जिसमें मौत सामने झूलती नजर आए।
एक दिन में गीले बालों को सुखाने के लिए कूलर ओन करके उसके सामने बैठ गई ।मैं कूलर के बहुत करीब थी और मेने ध्यान ही नहीं दिया कि कूलर की आगे की एक दो पत्तियां टूटी हुई थी। छोटा कूलर था टेबल पर रखा था प्लास्टिक वाला।
अचानक मेरे बाल उडकर कूलर में पंखा में फँस गए। और फँसते ही चले गए। बुरी तरह खिंच रहे थे। पंखा घूमना बंद हो गया था लेकिन मोटर अभी भी चालू थी और पूरा जोर लगा रही थी मेरे बालों को मुझसे अलग करने में।
मेरा मुँह जमीन की तरफ नीचे की ओर , बाल कूलर में और में दोनों हाथों को छटपटा रही थी। और तेज तेज आवाज लगा रही थी कोई बचाओ।
मेरी आवाज सुनकर मेरे भांजे जो बहुत छोटे थे लगभग छह सात साल के। वो अंदर आए शायद मेरी ऐसी हालत देखकर डर ही गए होंगे।
मेने उन्हें हाथ से इशारा करते हुए कहा कि कूलर का प्लग निकाल दो।
उनने कूलर का प्लग निकाल दिया। मोटर घूमना बंद हो गई। फिर मेने थोड़ा थोड़ा पंखा घुमा घुमा कर बालों को निकाला।
गहरी सांस लेते हुए राहत भरी नजरों से भांजे की तरफ देखा। सचमुच अगर वो टाइम पर नहीं आते तो मरने का तो पता नहीं लेकिन मेरे बाल जरुर उखड़ जाते।
लेकिन मुझे तो मेरे सामने मौत झूलती
नजर आ रही थी और उस एक सेकेंड मुझे विचार आया कि मरने से पहले आखिरी बार अपने पति को भी नहीं देख पाई।