16 अक्टूबर 21 रात का समय था । घड़ी में बारह बजने में पाँच मिनट की देर थी। मैं प्रतिलिपि पर टॉपिक का इंतजार कर रही थी फिर मैंने सोचा टॉपिक आने ही वाला है तब तक मैं वॉशरूम होकर आती हूं ।
और मोबाइल को साइड में रख कर मैं वॉशरूम की तरफ गई जैसे ही मैंने वाॅशरूम की देहरी पर पैर रखा ही था कि बाल्टी के पीछे कुछ हिलता हुआ नजर आया ।
मैंने तुरंत वॉशरूम का गेट लगा दिया। बाहर से कुंडी लगा दी उसके बाद मैंने मेरे हस्बैंड को जगाया और उनको बताया कि वॉशरूम में कुछ है वह जागकर आए । लेकिन वह वाॅशरूम का गेट लगा हुआ था ओपन करके देखने में डर लग रहा था । हमने कुछ एक दो पड़ोसियों को फोन करके बुला लिया।
सभी अपनी लाठियाँ लेकर आये ।और अपना अपना मोर्चा संभाल लिया। लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि गेट खोल कर देखा जाए मुझे भी थोड़ी आशंका हुई कि सचमुच उसमें कोई था या मुझे कुछ वहम तो नहीं हो गया ।
फिर मेरे हस्बैंड ने भंडरिया पर चढ़कर वेन्टिलेशन से वॉशरूम में देखने की कोशिश की लेकिन वहां से कुछ नजर नहीं आया तब मेरे बेटे ने योजना बताई।
वेंटीलेशन से सिर्फ हाथ निकल सकता था तो हाथ से मोबाइल को पकड़कर वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली।
और जब उस रिकॉर्डिंग को हम सब ने देखा उसमें कम से कम दो ढाई फुट का सांप लहरा रहा था। बाथरूम में टाइल्स पर वह अच्छे से चल नहीं पा रहा था ।

अब डर और बढ़ गया था । एकदम काला बड़ा सांप था किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि कोई गेट खोले और उस पर अटैक करें। साँप पकढ़ने वाले को फोन किया तो उन्होंने कहा हम सुबह आ पाएंगे अभी नहीं आएंगे ।
गेट के नीचे बिल्कुल भी जगह नहीं थी फिर भी हमने पेपर को फोल्ड करके उसे फंसा दिया और बेन्टिनेशन ऊँचा था इसमें से निकलने की कोई गुंजाइश नहीं थी। और यही सोचा कि सुबह सांप पकड़ने वाले आएंगे और पकड़ ले जाएंगे।
पड़ोसी अपने अपने घर चले गए। घर में सोना खतरनाक था इसलिए छत पर बिस्तर लगा कर सो गए ।
सुबह 6:00 बजे सापों को पकड़ने
वाले को लेकर आए उन्होंने जैसे गेट खोला वहां कोई नहीं था। हमारे आश्चर्य का ठिकाना न था हम सब ने भी जाकर चेक किया सांप का कहीं अता पता नहीं था सबको आश्चर्य का ठिकाना नहीं था कि आखिर वो गायब कहाँ हो गया।
पूरे घर में ढूंढने पर भी वो नहीं मिला। और अभी तक पता नहीं चला कि आखिर वो गायब कहाँ हो गया............