नई दिल्ली : जरा कल्पना कीजिए आप मुसीबत में हों और जिंदगी से जूझ रहे हों लेकिन मदद करने की बजाए पूरी दुनिया आपकी फोटोज खींच रही हो तो आपको कैसा लगेगा. जी हां यही हुआ ओवरस्पीट कार पेड से टकराने के बाद दो टुकड़ो में बंट गई कार में बैठे पांच स्टूडेंट्स के साथ, वे द्रर्द से तड़प रहे थे , लेकिन लोग मदद करने की बजाए अपने सेलफोन निकालकर उनकी फोटो खींच रहे थे. हादसे के एक घंटे बाद चार स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी. अगर उन्हें समय पर हॉस्पिटल ले जाया जाता तो उनकी जान बच सकती थी. हादसे में मृत रिषिका बस्सी की बहन ने कुछ इस तरह अपना दर्द सोशल मीडिया पर बयां किया.
मेरी बहन आखिरी सांस तक मां को फोन करने के लिए कह रही थी लेकिन लोगों ने फोटो FB पर पोस्ट की
हादसे में मृत रिषिका बस्सी की बहन आशवरी भारद्वाज ने FB पर लिखा कि 6 जनवरी की घटना के बाद मेरे परिवार को बड़ा झटका लगा. आशवरी लिखती हैं मैं अपना दर्द बयां शब्दो में नहीं कर सकती. लेकिन इससे भी ज्यादा दुख इस बात का है कि लोग दर्द से तड़प रहे स्टूडेंट्स की फोटोज खींच रहा थे लेकिन कोई उनकी मदद नहीं कर रहा था . मेरी बहन आखिरी सांस तक मां को फोन करने के लिए कह रही थी लेकिन वहां मौजूद सभी लोग फोटो और वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने में लगे हुए थे. अगर मेरी बहन को समय पर मदद मिल जाती जो वह आज जिंदा होती. लेकिन लोगों की जिंदगी सोशल मीडिया के कंट्रोल में है. हमारे लिए लाइक्स और शेयर्स ज्यादा जरूरी हो गए हैं.
सेल्फी लेना नहीं मदद करना सिखाएं.
आशवरी कहती हैं कि कोई एक इंसान मदद के लिए नहीं आया। हमारी दुनिया की स्थिति कितनी बुरी हो गई है। घटना पर मौजूद लोग सोशल मीडिया पर फोटोज पोस्ट कर बच्चों की जिंदगी के लिए दुआ मांग रहे थे, लेकिन वे घायलों की मदद भी तो कर सकते थे। हादसे के बाद स्टूडेंट्स एक घंटे तक जिंदा थे. आशवरी लिखती हैं कि मैं लोगों से रिक्वेस्ट करती हूं कि वे अपने बच्चों को सावधानी से गाड़ी चलाना और लोगों की मदद करना सिखाएं.