ऐसे संयोग न, बड़े अच्छे लगते हैं. किसी से सुनने में, किसी को सुनाने में, लिखने-लिखाने में. यहां हम राम नाथ कोविंद से जुड़े एक संयोग की बात कर रहे हैं. 19 जून की शाम से हर जगह कोविंद का नाम छाया हुआ है. बीजेपी ने इन्हें NDA की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया है. बीजेपी को मिले समर्थन को देखते हुए कोविंद मजबूत स्थिति में दिख रहे हैं. इन्हीं कोविंद को तीन हफ्ते पहले शिमला के प्रेसिडेंट रिट्रीट में जाने से रोक दिया गया था.
शिमला में राष्ट्रपति का समर हॉलीडे रिजॉर्ट है. ये शहर से करीब 14 किमी दूर ग्रीन बेल्ट के पास बना है, जो प्रोटेक्टेड एरिया है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हर साल गर्मियों में यहां आते रहे हैं. हालांकि, इस साल 24 जुलाई को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है और राष्ट्रपति चुनाव नजदीक हैं, इसलिए इस बार वो यहां नहीं आए. उनकी गैर-मौजूदगी में जब राम नाथ कोविंद वहां पहुंचे, तो उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया.
कोविंद बिहार के गवर्नर हैं. 28 से 30 मई के बीच वो हिमाचल प्रदेश के गवर्नर आचार्य देवव्रत के मेहमान के तौर पर शिमला में थे. उनके साथ उनकी पत्नी और बच्चे भी थे. वो राजभवन में ठहरे हुए थे, लेकिन 29 मई को जब वो शिमला के फेमस कैचमेंट एरिया ‘सियोग’ में घूम रहे थे, तो उन्होंने प्रेसिडेंट रिट्रीट जाने की इच्छा जताई.
फॉरेस्ट एरिया से रिट्रीट सिर्फ पांच किमी की दूरी पर था. गवर्नर साहब की इच्छा थी, तो गाड़ी रिट्रीट की तरफ मोड़ दी गई, लेकिन गेट पर मौजूद सिक्यॉरिटी ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया. कोविंद को बताया गया कि प्रेसिडेंट रिट्रीट में जाने के लिए परमीशन की जरूरत होती है, जो सिर्फ दिल्ली के राष्ट्रपति भवन से जारी होती है. परमीशन न होने पर किसी को अंदर नहीं जाने दिया जा सकता.
हिमाचल प्रदेश के गवर्नर के सलाहकार शशिकांत शर्मा ने बाद में इस वाकये के बारे में बताया, ‘कोविंद ने इस बात का जरा भी बुरा नहीं माना, वो वापस लौट आए. अगर उन्होंने हमें बताया होता, तो शायद हम कुछ मदद कर पाते.’ अब कोविंद खुद राष्ट्रपति बनने की राह पर हैं.