नई दिल्ली : जनता के दम पर विधायक चुने जाने वाले माननीय कितने अहसान फरामोश होते है. इसका जीता जगता नमूना तेलंगाना के जयशंकर भुपालापल्ली जिले में देखने को मिलता है. यहां एक ट्रक ने बाइक सवार एक युवक को टक्कर मार दी, जिसकी मौके पर ही मौत हो गयी. इस बीच रास्ते से गुजर रहे एक मंत्री के काफिले ने रास्ते में पड़ी डेड बॉडी को देखने के बाद भी उसे नजरंदाज कर दिया. मंत्रीजी के इस काफिले की फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.
चुनाव जीतने के बाद जनता को भूल गए मंत्री
जनता को अपने निर्वाचित प्रतिनिधि से काफी उम्मीदें होती हैं. क्योंकि वह उनके कल्याण के लिए काम करते हैं. लेकिन तेलंगाना के इन मंत्री महोदय के बारे में आज आपकी ऐसी धारणाएं पूरी तरह से बदल जाएंगी. बताया जाता है कि रविवार की दोपहर पालमपेट गांव के नल्लाकलुवा क्रॉसरोड पर एक ट्रक ने बाइक सवार को टक्कर मार दी. जिसके चलते अपने दो दोस्त गोपी और सतीश के साथ रमप्पा मंदिर जा रहे तदुरी मधुसूदन चैरी बाइक से गिर गए.
ट्रक की टक्कर से बाइक सवार युवक की मौत
टक्कर इतनी जोरदार थी कि तीस वर्षीय चैरी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके पीछे बैठे उसके दोनों दोस्त घायल हो गए. जिस वक्त पास के गांव के लोग एक्सीडेंट के बाद एकजुट होकर चैरी की जान बचाने के लिए एक गाड़ी की तलाश कर रहे थे, ताकि उसे समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके. ठीक उसी वक्त जनजाति कल्याण मंत्री अज़मीरा चंदुलाल का काफिला वहां पर बिल्कुल नजदीक से बिना रुके गुजरा.
क्षेत्रीय मंत्री ने नहीं की मदद
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वे इस बात से आश्वस्त थे कि मंत्रीजी सामने की सीट पर बैठे हैं, जो इस घटना को सामने देखकर जरूर रुकेंगे. लेकिन जिस तरह से उनका काफिला उस घटना को देखते हुए नजरअंदाज कर निकला ये बेहद अमानवीय था. एक अन्य युवक जिसने फोटो खींचकर व्हाट्सग्रुप पर भेजा उसने बताया कि यह गांव उनके ही मुलुगु विधानसभा क्षेत्र में आता है. इसलिए उन्हें अपने काफिले को रोककर बाहर आना चाहिए था और घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद करनी चाहिए थी. हालांकि इस पूरी घटना पर मंत्री जी का कहना है कि वह अपने एक रिश्तेदार के साथ कॉल पर व्यस्त थे. उस वक्त मुझे उतरना चाहिए और घायलों से मिलना चाहिए था, लेकिन उस वक्त मैं काफी जल्दबाजी में था.