दिल्ली : 5000 रुपये से ज्यादा के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट 30 दिसम्बर तक एक ही बार बैंक खाते में जमा कराए जाने के वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के बाद स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने गांधीवादी तरीके से सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाये है.
नोटबंदी के 41 वें दिन आये सरकार के इस फरमान पर योगेंद्र यादव ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि-"... 8 नवंबर 2016 से आज तक मैंनें कोई कैश अपने अकाउंट में जमा नहीं करवाया है।
मुझे कोई कारण समझ में नहीं आता कि मैं इसके [बैंक में देरी से डिपोज़िट करवाने] लिए विशेष स्पष्टीकरण क्यों दूँ। आमतौर पर मैं क़तार ख़त्म होने का इंतज़ार करना पसंद करता हूँ। प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और आरबीआई ने मुझे आश्वासन दिया था कि बैंकों की ओर भागने की ज़रूरत नहीं है, डिपॉजिट के लिए मेरे पास 30 दिसंबर तक का समय रहेगा। मैंनें उनका भरोसा किया।"
वित्त मंत्रालय और RBI ने 30 दिसम्बर तक पुराने नोट जमा कराने के लिए शर्त लगा दी है इसके मुताबिक
30 दिसम्बर तक 5000 रुपये से ज्यादा के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट सिर्फ एक ही बार बैंक खाते में जमा कराए जा सकेंगे.
जमा कराने वक्त जमाकर्ता से दो बैंक अधिकारियो की मौजूदगी में पूछा जाएगा कि आखिरकार अब तक पैसा क्यों नहीं जमा कराया गया. जवाब संतोषजनक होने के बाद ही पैसा जमा होगा.
जमाकर्ता की ओर से दी गया जानकारी दस्तावेजों में दर्ज की जाएगी, ताकि बाद में उस तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हो.
5000 रुपये से ज्यादा के पुराने नोट बगैर किसी सीमा के एक बार में जमा कराने की सुविधा सिर्फ उन्ही बैंक खातों पर लागू होगी जो केवाईसी यानी नो योर कस्टमर की शर्तों को पूरा करता है.
नोटबंदी से पहले प्रधानमंत्री ने दिया था आश्वासन
इससे पहले नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संदेश देते हुए घोषणा की थी कि 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट, 10 नवम्बर से लेकर 30 दिसम्बर 2016 तक अपने बैंक या डाक घर (पोस्ट ऑफिस) के खाते में बिना किसी सीमा के जमा करवा सकते हैं. उन्होने कहा था कि आपके पास लगभग 50 दिनों का समय है नोट जमा कराने के लिए आपको किसी भी तरह की अफरा तफरी करने की आवश्यकता नहीं है.