परम वैभव के लिए सर्वांग स्वतंत्रता अखंड भारत भारतीयों के लिए भूमि का टुकड़ा न होकर एक चैतन्यमयी देवी भारतमाता है। जब तक भारत का भूगोल, संविधान, शिक्षाप्रणाली, आर्थिक नीति, संस्कृति, समाज-रचना, परसा एवं विदेशी विचारधारा से प्रभावित और पश्चिम के अंधानु
याद आते है आपको ? वो बचपन के दिन जब हमारा व्यक्तित्व हमारे मां बाप और हम बना रहे होते हैं । हम शब्द मैने इसलिये प्रयोग किया क्योकि मिट्टी के बरतन के निर्माण मे मिट्टी का भी अपना योगदान होता है । मुझे तो आजकल रह रहकर याद आते हैं । तो चलते हैं बचपन की
कोई भी व्यक्ति महान् तभी कहलाता है, जब वह कोई महान् कार्य करता है। विश्व में ऐसे अनेक व्यक्तियों ने जन्म लिया, जिन्होंने अपने महान् कार्यों से अपने समाज का ही नहीं, वरन् अपने देश और संपूर्ण मानव जाति का उद्धार किया। मदर टेरेसा, महात्मा गांधी, अकबर, अ
11 अक्तूबर, 1916 की शरद पूर्णिमा को महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के परभणी जिले के हिंगोली तालुका के कडोली गाँव में अमृतराव देशमुख की धर्मपत्नी राजाबाई की कोख से एक पुत्र ने जन्म लिया। शिशुकाल में ही नाना माता-पिता की स्नेहछाया से वंचित हो गए। नाना
Nelson Mandela has become South Africa's first Black President after more than three centuries of White rule. Mr Mandela's African National Congress (ANC) party won 252 of the 400 seats in the first democratic elections of South Africa's history.
आधुनिक भारतीय इतिहास में शायद ही ऐसा कोई राजनेता है, जिसने भारतवर्ष को एकजुट और सुरक्षित करने में सरदार पटेल जितनी बड़ी भूमिका अदा की है, लेकिन दुर्भाग्य है कि पटेल की ओर से ब्रिटिश भारत की छोटी-छोटी रियासतों के टुकड़ों को जोड़कर नक्शे पर एक नए लोकता
राजनीति के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों में एक महत्त्वपूर्ण गुण होता है—उनकी नेतृत्व क्षमता। जननायक ‘भारत रत्न’ अटलजी में यह गुण अद्भुत था, उनके भीतर नेतृत्व की क्षमता कूट-कूटकर भरी हुई है। ग्वालियर के साधारण अध्यापक के घर जनमे अटलजी अपनी प्रतिभा के द
शहीद-ए-आजम भगत सिंह (1907-1931) एक ऐसे समय जी रहे थे, जब भारत का स्वतंत्रता संग्राम जोर पकड़ने लगा था और जब महात्मा गांधी का अहिंसात्मक, आंशिक स्वतंत्रता का शांत विरोध लोगों के धैर्य की परीक्षा ले रहा था। हथियार उठाने की भगत सिंह की अपील युवाओं को प्
मेरा बचपन बहुत ही दुःखमय था। मेरे पिता जी एक छोटे किसान थे और वे तीन भाई थे और मेरी तीन बुआ भी थी। अपने सभी भाई बहनों में मेरे पिता जी सबसे छोटे थे। मेरे पिता जी किसान थे और मेरे ताऊ जी एक सरकारी नौकरी करते थे। मेरे पिता जी एक किसान थे जिसके कारण मे
ज्ञान का भंडार, प्रेरक और अनुकरणीय उक्तियों का अद्भुत चयन, जिसने भारत के सबसे विद्वान् व्यक्तियों में से एक, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की सोच को प्रभावित किया और उसे स्वरूप दिया। अपने स्कूल के दिनों से लेकर अब तक, जब वह अस्सी की उम्र को पार कर चुके हैं, ड
रानी लक्ष्मीबाई का जन्म काशी मे 19 नवम्बर 1835 को हुआ।इनके पिता मोरोपंत ताम्बे चिकनाजी के आश्रित थे।इनके माता का नाम भागीरथी बाई था। रानी लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मनु बाई था,मनु की उम्र मात्र 4 साल ही थी जब उनकी माताजी का निधन हो गया था और इसके बाद
मोदीजी ने अपनी नीतियों, कार्यक्षमता, कुशलता और योग्यता से यदि संपन्न वर्ग पर प्रभुत्व जमाया है तो एक आमजन में उन्हें अपना प्रधानमंत्री भी नजर आया है। आज सहजता से एक साधारण व्यक्ति अप्रतिम असाधारण व्यक्तित्व के नरेंद्र मोदी तक न सिर्फ सरलता से अपनी बा
सीमित जीवन को मैंने अपने जीवन के आध्यात्मिक मन के आधार पर कुछ लेख प्रस्तुत किए हैं जो वास्तविक रूप से मनुष्य के जीवन में घटित होते हैं एवं महसूस करते हैं !
जिंदगी एक जिंदगी है, जिंदगी को जिंदगी की तरह जियो, ना जिंदगी को अपनी तरह जियो, क्योंकि जीने का नाम ही जिंदगी है, हम हैं तो जिंदगी है, हम नहीं तो कुछ भी नहीं, दिल खोलकर जियो, जीने का नाम ही जिंदगी है।
‘बैरिकेड’ इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चित उपन्यास है, जिसने हिन्दी साहित्य में प्री-बुकिंग के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बैरिकेड कहानी है भारत के मिडिल क्लास के सपनों की। अभिषेक सिंह ने बैरिकेड की कहानी कुछ ऐसी गढ़ी है, जिससे कि कथानक कई शहरों से होक
जिद्दू कृष्णमूर्ति का नाम आध्यात्मिक जगत् में विशेष रूप से उल्लेखनीय है। जब वे मात्र तेरह वर्ष के थे, तभी उनमें एक आध्यात्मिक गुरु होने की विशिष्टताएँ दृष्टिगोचर होने लगी थीं। उन्होंने न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी आध्यात्मिकता का परचम लहराया
‘गांधी बनाम भगत: एक संत, एक सैनिक’ उस ऊहापोह के समाधान की ओर एक विनम्र लघु प्रयास है, जो महात्मा गांधी और शहीद भगतसिंह के व्यक्तित्वों की तुलना से उत्पन्न होता है। दोनों भारतीय स्वाधीनता संग्राम के चमकते सितारे और माँ भारती के अमर सपूत हैं, जिन्होंने
शेखर कपूर एक सफल व्यवसायी है जिसने कभी कोई उचित कार्य नहीं किया। उसके लिए जीवन का मतलब है वह कितनी जल्दी व कितना हासिल कर सकता है। वह लोगों को धोखा देता है, बेइज़्ज़त करता है और वह ऐसा ही करता रहता है एक रहस्यमयी फोन काॅल के बावजूद व न्याय की नगरी से
क्या नेताजी सुभाष चंद बोस की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को ताइहोकू (ताइपे, ताइवान) में एक विमान हादसे में हो गई थी? क्या जोसेफ स्टालिन ने उन्हें साइबेरिया भेज दिया था? या उन्हें छोड़ दिया गया था, जिसके बाद वह किसी तरह भारत पहुँच गए थे? क्या वही उत्तर प्रद