नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् इस बात पर लगातार रणनीति बना रहा है कि दुनियाभर के करीब 4.58 करोड़ ऐसे लोगों को कैसे छुड़ाया जाए जो आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों की गुलामी झेल रहे हैं। इनमे बड़ी संख्या में महिलाये भी है जिनका आईएसआईएस के लड़ाके यौन उत्पीडन करते हैं। उन्हें यौन दासी (सेक्स स्लेव) बनाकर उनसे गुलामी करवाते हैं और उनका इस्मेमाल आत्मघाती के रूप में भी करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इस वक़्त आईएस के कब्जे में तकरीबन 5,000 से ज्यादा यजीदी महिलाएं गुलाम बनकर रह रही हैं।
आईएसआईएस इन महिलाओं को अपनी 'सेक्स स्लेव' कहता है। आईएसआईएस और बोकोहराम जैसे आतंकी संगठन के प्रभावित इलाकों जैसे लीबिया, कांगो और सोमालिया में आज भी 6.5 करोड़ लोग बेघर हैं, आशंका है कि इन आतंकी संगठनों ने उन्हें अपना गुलाम बना लिया है और उनका इस्तमाल ह्यूमन ट्रेफिकिंग के लिए किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र जांच आयोग को पता चला है कि आईएस की गिरफ्त में इस वक़्त अल्जीरिया, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, मिस्र, इराक, कजाखस्तान, लीबिया, मोरक्को, सऊदी अरब, सूडान, सीरिया, ट्यूनीशिया, तुर्की, उज्बेकिस्तान जैसे देशों के लोग हैं।
हालही में संयुक्त राष्ट्र ने नादिया मुराद बसी ताहा नामक यजीदी महिला को ह्यूमन ट्रेफिकिंग के लिए ब्रांड अम्बेसडर बनाया। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के सामने नादिया ने आईएसआईएस की सेक्स स्लेव रहते हुए उनके साथ हुए अन्याय की जब दास्तान सुनाई को उस हॉल में सन्नाटा छा गया, हर कोई रो रहा है। नादिया एंबेसडर बनने के बाद नादिया एड्वोकेसी से जुड़ी पहल और ट्रैफिकिंग से जुड़ी समस्याओं पर जागरुकता फैलाने का काम करेंगी।
नादिया का आईएसआईएस ने 2014 में ईराक स्थित उनके गांव से अपहरण किया था। उस वक्त वह 19 साल की थी। नादिया ने बताया कि उनकी आंखों के सामने उनके पिता और भाई को मार दिया गया। वह तीन महीने तक आईएसआईएस की बंधक रहीं, वहां उन्हें बेरहमी से पीटा गया और कई बार उनका रेप किया गया।