नई दिल्ली : देश में पीएम मोदी की कालेधन पर की गयी सर्जिकल स्ट्राइक से कालेधन पर छाये बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं. दरअसल कालाधन छुपाने वाले धन्ना सेठ कभी पैसे अपने घर में नहीं रखते बल्कि वह अपनी पूंजी रियल स्टेट, डायमंड और गोल्ड में लगा रखा है. जिसके चलते वह मोदी की एक सर्जिकल स्ट्राइक से वापस आने वाला नहीं.
धन्ना सेठों की पूंजी का कई कामों में निवेश
सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा कालाधन जमा करने वालों ने कई और मंहगे कामों में अपना धन लगा रखा है. बताया जाता है कि इसीलिए पीएम कि एक सर्जिकल स्ट्राइक से यह धन वापस आने वाला नहीं. इसलिए अगर कोई ये सोच रहा है कि मोदी सिर्फ एक स्ट्राइक से देश को ईमानदार कर देंगे. तो ये बात मिथ्य साबित होगी. दरअसल 240 मिलियन डॉलर का कैश स्टाक है. उसका एक अंश कालेधन को जमा करने वाले सेठों ने संजो कर रखा है.
25 से 35 प्रतिशत देकर नोट बदले की खबर
बताया जाता है कि अभी ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक करने की और जरुरत है. दरअसल इस अंश में भी तमाम रास्ते खुले हुए है. खबरों के मुताबिक कुछ दलालों ने 500 और 1000 रुपये के बंडल अलग-अलग ग्रुपों में बांट दिए है और एक संगठित बैंक कि विभिन्न शाखाओं में 25 से 35 प्रतिशत कमीशन देकर उसे बदलवाने का धंधा शुरू हो चुका है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अभी कुछ महीनों में जैसे ही बाजार में 500 और 2000 रुपये की नोटें बाजार में आएंगी. वैसे ही बाजार में एक बार फिर से कालाधन दिखाई देगा.
10 करोड़ ठिकाने लगाने के लिए 400 बंडल पड़ेंगे बनाने
नमूने के तौर पर 10 हजार करोड़ के कालेधन को अगर स्टेट बैंक और डाकघर में बदले जाने पर 2 .50 - 2 .50 लाख रुपये के 400 पैकेट बनाने पड़ेंगे. यही नहीं मनी के ट्रांजिक्शन के लिए चूंकि प्रूफ चाहिए. इसलिए 400 व्यक्तियों को भी पुराने नोट जमा करने के लिए लेने में लगना होगा. बताया जाता है. इसके बाद अलग-अलग एक ही बैंक की शाखाओं में नोट बदले जा सकते हैं. वित्त मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी की इस स्ट्राइक से पैसा दाब कर बैठे लोगों से कालाधन वापस आने वाला नहीं. जिसके चलते अभी कम से कम दो बार और सर्जिकल स्ट्राइक की जाएगी.