विविध विषयों पर कहानियां
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महादान अपने जीवन की कठिनाइयों से जूझते-जूझते अंत में निराश हो एक सूरदास एक महात्मा की शरण में जा पहुंचा। उनके चरणों को अपने आंसुओं से भिगोते हुए वह कहने लगा, "महामना, मुझे इस विकलांगता से मुक्ति का को