कबीर दास जी का यह दोहा आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
यह बात तो सही है कि जो हम कल करने की सोचते हैं वह कल कभी नहीं आता। इसलिए जो हम सोचे कि हम कल करेंगे कोशिश करनी चाहिए कि उसको आज ही कर ले और अभी ही कर ले। इससे यह होगा कि अगर वह कार्य अधूरा भी रह गया तो पूरा हो जाएगा क्योंकि मुश्किल होती है कार्य को शुरू करने में अगर उस कार्य की शुरुआत हो जाती है तो वह पूरा ही हो जाता है तो कबीरदास की बात मानते हुए आप जो भी कुछ करना चाहते हैं , आज और अभी ही उसकी शुरुआत करिए और खुश रहिए।
अभी आज तो रामनवमी थी इसलिए आप सभी को रामनवमी की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं। बहुत से लेखकों ने लिखा है प्रगट भए दीन दयाला। आज ही के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था उनका जन्म दिवस बहुत ही भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया गया।
अब बात आती है अभी की, तो अभी तो यह है कि बच्चे कल के लिए तैयारी कर रहे हैं कि चाउमीन खाएंगे क्योंकि 9 दिन प्याज नहीं खाया है तो उनकी चाऊमीन और बाहर का सभी सामान बंद था। सही कहते हैं 9 दिन की भक्ति आजकल के बच्चे करलें तो बहुत बड़ी बात है ।
साहित्य के वृहत सागर में एक ओस की बूंद, जिसके सपने बहुत बड़े हैं और पंख छोटे। छोटे पंखों के साथ अपना आसमान खोज रही हूँ।
प्रकाशित पुस्तकें:
- अभिव्यक्ति या अंतर्द्वंद
- 'राम वही जो सिया मन भाये' D