दिनांक: 07.04.2022
समय : रात 11:30 बजे
दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी प्रतिभा के साथ पैदा हुआ है. अब यदि दुनिया के सभी व्यक्ति में प्रतिभा है तो सभी आदमी अपने जीवन में सफल कहलाना चाहिये क्योंकि – जहां प्रतिभा है वहां सफलता है। लेकिन दुनिया में कम ही ऐसे लोग हैं जिन्हे सफल कहा जा सकता है इसलिये जरूरत है अपने अंदर प्रतिभा को जानने की क्योंकि प्रतिभा के लिये उम्र कम या ज्यादा मायने नहीं रखता है। आपके अंदर भी जरूर कोई न कोई प्रतिभा होगी जिसे आपने अभी तक पहचाना ही न हो. हो सकता है कि आपके अंदर एक्टर, सिंगर, कॉमेडियन, मॉडल या व्यवसायी हो।
अगर आप किसी कार्य को दूसरे के मुकाबले अधिक निपूणता से करते हैं, तो वह आपका प्रतिभा हो सकती है या जिस काम को आप पूरी लगन और मेहनत से करते हैं और उसमें आपको थकान महसूस नहीं होती है वो भी प्रतिभा होती है। बहुत से ऐसे काम भी होते हैं जिसे आप कुशलता से करते हैं और ये सोचते हैं की इससे भी बेहतर किया जा सकता है वो भी एक तरह की प्रतिभा है. हममे से बहुत से लोग अपने अंदर की प्रतिभा को बढ़ाने के बजाय उसे दबा देते हैं। बहुत से बच्चे अलग-अलग प्रतिभा में अच्छे होते हैं कोई क्रिकेट में, तो कोई फुटबॉल में, कोई स्पीच में, तो कोई गाने में. बहुत को तो इनके लिये अवार्ड्स भी मिले होते हैं, लेकिन उसे आगे जारी नहीं रखते और अपने टैलेंट को दबा देते हैं।
अगर महेंद्र सिंह धोनीआज भी रेलवे में नौकरी कर रहे होते तो उन्हें कितने लोग जानते?अगर वो अपने अंदर छुपी प्रतिभा को नहीं पहचानते तो क्या आज वो खेल की दुनिया में इतने सफल हो पाते? क्या आपको पता है मिस्टर बीन एक बेहतरीन कॉमेडियन होने के साथ-साथ इंजीनियर थे? अगर वो अपने अंदर के कॉमेडियन को नहीं जानते तो वो कभी भी एक सफल कॉमेडियन नहीं बन पाते। क्रिकेट के गॉड कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर सिर्फ दसवीं तक पढ़ पाये, क्रिकेटर कपिलदेव कॉलेज ड्रॉपआउट हैं फिर भी ये सभी अपनी प्रतिभा की वजह से सफलता की बुलंदियों को छू रहे हैं।
विप्रो के चेयरमैन और आईटी के अजीम प्रेमजी कॉलेज ड्रॉपआउट हैं, मुकेश अंबानी भी एम बी ए ड्रॉपआउट हैं, लेकिन बिजनेस में अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने रखने में कामयाब हैं। स्टीव जोवस ने कहां से अपनी शुरूआत की और आज देखिये उनकी कंपनी “एप्पल” फोन की दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इस तरह आपको अनेको उदहारण मिल जायेंगे, जिन्होंने अपने अंदर छुपी प्रतिभा को पहचाना और सफतला प्राप्त की।
कभी भी समय निकालकर सफल लोगों की ऑटोबायोग्राफी जरूर पढ़ें। इससे आपको पता चलेगा कि कैसे इन लोगों ने अपनी प्रतिभा को पहचाना और सफलता को प्राप्त किया। इससे आपको भी अपने अंदर की प्रतिभा को और भी ज्यादा निखारने में मदद मिलेगी। विवेकानंद ने कहा है कि उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये। इसलिये आप भी तब तक संघर्ष करते रहें जब तक सफलता आपको प्राप्त न हो। आप अपने टैलेंट के पीछे लग जायें इसे पहचाने और इतनी मेहनत करें कि आप भी सफल हो। भीड़ के पीछे भागने से सफलता नहीं मिलती कुछ हट के करना होगा। भीड़ के पीछे भागना बंद करो , दूसरे से अपनी तुलना करना बंद करो ये मत देखो की उसके पास वह है मेरे पास वह नहीं है, इन सब नकारात्मक बातों को छोड़कर जो भी तुम्हारे पास है उसको लेकर आगे बढ़ो। अपने अंदर छुपी प्रतिभा को पहचानो और अपने अंदर के सफल व्यक्ति को ढूंढो जो आप खुद ही हो। यदि आप अपने टैलेंट को पहचान गये तो दुनिया की कोई ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती। बस थोड़ी सी हिम्मत चाहिए, और एक जुनून, जो आपके अंदर है।
गीता भदौरिया