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कारगिल विजय दिवस

hindi articles, stories and books related to Kargil vijay divas


गतांक से आगे:-रमनी पागलों की तरह अपनी मां का चेहरा देखने लगी और झल्ला कर बोली,"क्या मां तुम भी ऐसे ही बोलती रहती हो माना जब बच्चे हुए तब इनको काम के सिलसिले में जाना पड़ गया पर इसका मतलब ये तो नहीं कि

गतांक से आगे:-कमला के इस प्रकार चेताने से रमनी ने आंखें खोली और बोली,"अरे …तुम्हारे साहब आये थे ना अभी ।बता मैं इतने दर्द में हूं और ये मुझे छोड़कर जाने की बात कर रहें हैं।"कमला अचरज से रमनी को देखते

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कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन ने धोखे से हमारी खाली पड़ी चौकियों पर कब्ज़ा कर लिया था जो कि रणनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण थीं. …. इस युद्ध में भारत के कई वीर सपूत वीरगति को प्राप्त हुए थे…. ये उसी

मनोज कुमार पांडे एक साहसी और सम्मानित भारतीय सैनिक थे जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान शहादत प्राप्त की थी। उनका जन्म 25 जून 1975 को भारत के उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में हुआ था। मनोज पांडे 1997 में

हाथ बढ़ाया था अमन का हमने,मगर वो नादानी कर बैठे।दिल्ली से लाहौर चली थी बस,मगर वो बेईमानी कर बैठे।।लाहौर समझौता करके हमने,शांति का पाठ पढ़ाया था।मगर पीठ पर खंजर भोंका,और 'ना'पाक कारगिल कर बैठे।।घुसपैठि

भारतीय सेना के वीर सैनिकों की शौर्य और साहस की गाथाएं देशवासियों के दिलों में जगाती हैं। इनमें से एक ऐतिहासिक घटना है 'कारगिल विजय दिवस', जिसे प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को भारत में गर्मी और उत्साह से मना

गतांक  से आगे:-रमनी ने हाथ में लगे टांकों को देखा और घबराकर पूछा,"ये क्या हो गया हाथ पर?"जोगिंदर ने माहौल को सहज करते हुए कहा,"अरे कुछ नहीं रमनी तुम्हें तो पता है आजकल लोग स्कूटर वगैरह कैसे चलाते

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