नई दिल्लीः दौरा सरकारी मगर काम राजनीति क। जी हां अरविंद केजरीवाल पर एक और आरोप सामने आया है। आरटीआई से पता चला है कि पिछले 19 महीने में कुल 23 सरकारी दौरे उन्होंने दिल्ली से बाहर किए। रिकॉर्ड में भले ही ये यात्रा एं सरकारी दौरे के रूप में दर्ज रहीं मगर इस बहाने केजरीवाल ने गोवा, पंजाब, गुजरात, पटना आदि स्थानों पर पार्टी का प्रचार किया। क्योंकि दिल्ली सरकार का गोवा, पंजाब और गुजरात के शहरों में ऐसा कोई आधिकारिक कार्य नहीं था। जहां केजरीवाल को सरकारी दौरे पर मुख्यमंत्री की हैसियत से पहुंचना जरूरी था। सरकारी दौरे के बहाने संबंधित राज्यों में राजनीतिक कार्यक्रम का यह सिलसिला पांच मार्च 2015 से 17 अक्टूबर 2016 के बीच हुआ।
कब-कब हुआ दौरा
24 अक्टूबर को दिल्ली से अमृतसर फिर उसी दिन केजरीवाल वापस आ गए। 20 नवंबर 2015 दिल्ली से पटना गए। 13 मार्च 2016 को दिल्ली से फिर अमृतसर। 22 मई 2016 को दिल्ली से गोवा और 23 मई को गोवा से दिल्ली पहुंचे। 27 मई 2016 को दिल्ली से कोलकाता, 28 जून दिल्ली से गोवा गए। इसी तरह 20 अगस्त 2016 दिल्ली से गोवा, 25 सितंबर 2016 को अमृतसर से दिल्ली गए। ऐसे कुल 23 दौरे केजरीवाल के सरकारी हुए। आरटीआई एक्टविस्ट के मुताबिक सरकारी दौरे पर संबंधित स्थानों पर जाकर केजरीवाल ने पार्टी का प्रचार किया। जबकि अगर वे पार्टी के प्रचार के लिए जा रहे हैं तो उन्हें पार्टी के खर्च पर दौरा करना चाहिए।
दिल्ली की जनता का पैसा पार्टी के प्रचार में फूंक रहे केजरीवाल
आरटीआई ऐक्टविस्ट विवेक गर्ग का कहना है कि केजरीवाल जनता के पैसे का इस्तेमाल अपनी आम आदमी पार्टी के प्रचार में फूंक रहे हैं। जो कि सरासल गलत है।