नई दिल्लीः अरुण जेटली के खिलाफ मानहानि केस में साढ़े तीन करोड़ रुपये जेठमलानी को फीस देने के मामले में केजरीवाल ने अपना बचाव किया है। सवाल उठाते हुए कहा है कि ‘क्या डीडीसीए का भ्रष्टाचार उजागर करना मेरा निजी मामला था जो मुझे अपनी जेब से भुगतान करना चाहिए ?’ जेठमलानी के बकाया बिल को मंजूर करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को निर्देश देने वाले उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ईवीएम विवाद से ध्यान हटाने के लिए यह मामला उछाला जा रहा है । जेठमलानी के बिल का भुगतान अब तक नहीं किया गया है और यह मामला अभी उप-राज्यपाल अनिल बैजल के पास लंबित है ।
क्या बोले केजरीवाल
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी में एक रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘आप’ सरकार की लड़ाई को कमजोर करने के लिए पूरा विवाद पैदा किया जा रहा है ।केजरीवाल ने कहा, ‘‘यहां क्रिकेट कौन खेल ता है ? दिल्ली में क्रिकेट में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता है । आपने डीडीसीए का नाम सुना होगा । यह बहुत भ्रष्ट था । युवा मेरे पास आते थे और शिकायत करते थे कि चयन के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं ।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने इस मामले की जांच शुरू की । तब भाजपा ने मेरे खिलाफ केस दर्ज करा दिया । हमने शीर्ष वकील राम जेठमलानी की सेवाएं ली । वे पूछ रहे हैं कि सरकार को क्यों भुगतान करना चाहिए ? क्या मुझे मेरे जेब से पैसे देने चाहिए ? वे भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करना चाहते हैं ।’’