देहरादून: उत्तराखण्ड में खनन पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अब सरकार सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है. हालांकि फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को आदेश दे दिए गए हैं. दरअसल मंगलवार को हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखण्ड में चार महीने के लिए खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. मामले को लेकर जहां सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर मंथन कर रही है.
दरअसल, कोर्ट के फ़ैसले के बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा था कि खनन से बहुत से लोगों की रोजी रोटी जुड़ी हुई है. पंत ने कहा कि सरकार इस आदेश को चुनौती देगी. गौरतलब है कि एक दिन पूर्व ही नैनीताल हाईकोर्ट ने खनन पर बड़ा फैसला सुनाते हुए चार महीने के लिए पूरी तरह से रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने राज्य में खनन जारी रहने या पूरी तरह प्रतिबंधि करने को लेकर एक हाई पावर कमेटी बनाई है जो कि जो चार महीने के अंदर रिपोर्ट को कोर्ट के सामने पेश करेगी. गढ़वाल कमिश्नर विनोद शर्मा की माने तो सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी जा सकती है. हालांकि शासन स्तर पर अभी हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करने के निर्देश दे दिये गये हैं.
कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. कोर्ट ने राज्य में खनन और पर्यावरण पर सुझाव देने के लिए एक हाई पावर्ड कमेटी बना दी है. जिसे चार महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी.