दिल्ली : कैब सेवा प्रदाता कंपनी ओला और उबर के चालकों के साथ दिल्ली सरकार और कंपनी प्रबंधन की बैठक के बाद राष्ट्रीय राजधानी में 13 दिन लंबी टैक्सी हड़ताल गुरुवार को समाप्त हो गयी. हड़ताल का नेतृत्व कर रही सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन ऑफ दिल्ली (एसडीएडी) ने दावा किया कि ओला ने उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया है. हालांकि कपंनी के प्रबंधन ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
दो टैक्सी कंपनियों के साथ काम कर रहे हजारों चालक कम वेतन और बुनियादी सुविधाओं के अभाव का हवाला देते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. एसडीएडी ने कहा कि उन्होंने हड़ताल 27 फरवरी तक के लिए समाप्त कर दी है क्योंकि एप वाली कैब कंपनियों ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए समय मांगा है.
दिल्ली सरकार ने हड़ताल कर रहे चालकों और उबर और ओला के प्रतिनिधियों के साथ 23 फरवरी को बैठक की. इसके बाद हड़ताल वापस ले ली गयी. यह बठक करीब चार घंटे चली. एसडीएडी के उपाध्यक्ष रवि राठौड़ ने कहा, ‘‘बठक में एक ओला प्रतिनिधि ने डीडीडी नियम को खत्म करने का आश्वासन दिया.
इस नियम के तहत यात्री को ले जाने से मना करने पर चालक को 500 रुपये का जुर्माना देना होता था. इसके अलावा कंपनी छह रपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर किराया देने पर भी सहमत हो गयी है.’’ संगठन के दावे पर ओला ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.