नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने एक फिर फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली पर हमला बोला है। एक समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जेटली जैसे लोगों को क्या पता होगा खिलाड़ी का दर्द। जब तक सरकार में बैठे लोगों को हटाकर अच्छे लोगों को नहीं लाएंगे तब तक खेल का भला नहीं होगा। डीडीसीए बिना लीज के आज तक चल रहा है लेकिन कोई बोलने वाला नहीं है। उन्होंन कहा कि खिलाड़ी का दर्द वही समझ सकता जो खिलाड़ी हो।
नेता कर रहे खेलों का बंटाधार
उन्होंने कहा कि जितने पॉलिटिशियन एसोसिएशन के पदों पर बैठे हैं वे सब एक होकर माल बटोर रहे हैं। भ्रष्टाचार का मामला आने पर खुद ही जांच कर लेते हैं। उन्होंने खेलों में सुधार के लिए टास्क फोर्स बनाने के लिए पीएम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ये कदम तो अच्छा है लेकिन पीएम ने इसमें नेताओं को रखा तो बेड़ा गर्क हो जाएगा।
नहीं होती सही जांच
उन्होंने कहा कि जब आईपीएल में फिक्सिंग का मामला आया तो खुद ही जांच कमेटी बना ली। खुद ही जांच कर लिया। उन्होंने कहा कि अलग-अलग एसोसिएशन में पद पर बैठे पॉलिटिशियन मिलकर माल बटोरने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 400 करोड़ रुपए का गबन हुआ है। हमने सीबीआई को लिखा लेकिन कुछ नहीं हुआ। सरकारी तंत्र बिका हुआ है क्योंकि कोई न कोई नेता इससे जुड़ा हुआ है।
ललित मोदी का किया बचाव
कीर्ति आजाद ने ललित मोदी का बचाव करते हुए कहा कि जो लोग अभी बड़ी जगह बैठे हैं उनके सामने तो ललित मोदी साधू हैं। 2009 में आरबीआई की बिना परमीशन के देश के बाहर 1004 करोड़ रुपए बाहर ले जाया गया था। उस समय क्रिकेट बोर्ड में अरुण जेटली, शरद पवार, राजीव शुक्ला जैसे लोग थे लेकिन किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया। ललित मोदी अगर दोषी हैं तो उसके साथ ये लोग भी इस बात के जिम्मेदार हैं कि आखिर इतना पैसा देश के बाहर कैसे गया। उन्होंने कहा कि लोढ़ा कमेटी की जो सिफारिशें हैं उनको ही पीएम को नेशनल डवलपमेंट सपोर्ट बिल में लाना चाहिए। तभी खेल का प्रदूषण दूर हो पाएगा।