नई दिल्ली : किसानों की मदद करने के सरकारों के दावे भले ही कितने ही बड़े क्यों न हो लेकिन हकीकत कुछ और ही नजर आती हैं। एक अख़बार के मुताबिक़ साल से साल 2014 से लेकर साल 2015 के बीच किसानों की आत्महत्या के मामले 40 फीसदी बढ़ गए हैं। साल 2014 में जहाँ किसानों की आत्महत्या के मामले 5650 थे वहीँ साल 2015 में इनकी संख्या आठ हजार से भी ज्यादा पहुंच गई।
किसानों की आत्महत्या के मामले सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में बढे हैं जहाँ वर्तमान में बीजेपी की सरकार है। महाराष्ट्र में साल 2014 से 2015 के दौरान किसानों की आत्महत्या के मामले 18 प्रतिशत बढे हैं। महाराष्ट्र में साल 2014 में जहाँ 2568 किसानों ने आत्महत्या की वहीँ साल 2015 तक यह आंकड़ा 3030 पहुँच गया।
किसानों की आत्महत्या के मामले में दूसरा राज्य तेलंगाना है जहाँ साल 2014 में 898 तो साल 2015 में 1350 किसानों ने आत्महत्या की। किसानों की आत्महत्या के मामले में जिस राज्य ने सबसे बड़ी जम्प लगाई है वह है कर्नाटक है। कर्नाटक में साल 2014 में 321 लोगों ने आत्महत्या की थी लेकिन यह आंकड़ा साल 2015 में 1300 पहुंच गया।