रमाकांत मिश्रा
महोबा : प्राकृतिक आपदाओं से दंश झेल रहे बुन्देलखण्ड के महोबा में किसान ने अपनी पत्नी बच्चे सहित खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने का सनसनी खेज़ मामला सामने आया है. एक ही परिवार के तीन सदस्यों की गोली लगने से हुयी मौत से समूचे गाँव में सन्नाटा पसर गया है. इस ह्रदय विदारक घटना को संदेह के घेरे में लेते हुये पुलिस प्रशासन ने फोरेंसिक टीम को बुलाकर जाँच में जुट गयी है.
पति, पत्नी और बच्चे की गोलीमार कर संदिग्ध परिस्थिति में मौत की सूचना मिलने पर मौके में पहुँची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर घटना की जाँच में जुट गयी. लेकिन इन शवो को देखकर ग्रामीणों में चर्चा का बाजार गर्म है लेकिन कोई अपनी जुबानी कुछ कहने को तैयार नही है सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार जब इस घटना को अंजाम दिया गया तो सब एक साथ चारपाई पर कैसे रह गए किसी ने भागने का प्रयास क्यों नही किया बारदात के बाद मौके से बरामद तमंचा आखिर आया कहाँ से और घटना के बाद चारपाई के नीचे कैसे पहुँच गया तमंचा, और मृतक भगबन्त सिंह के दोनों हाथ सीने में कैसे रह गए , यह बात किसी के गले नही उतर रही ,ऐसे अनेको सबाल लोगो के जेहन में आते है. फ़िलहाल मौके पर पहुँचे अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना की बिबेचना के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा की यह हत्या है कि आत्महत्या.
बीते एक दशक से बुन्देलखण्ड का महोबा जनपद का किसान प्राकृतिक आपदाओ की मार से कराह उठा है. बैक और साहूकारों के कर्ज के बोझ के तले दबकर सैकड़ों किसान पहले भी आत्महत्या का रास्ता अख़्तियार कर चुके है. ऐसा ही एक मामला खरेला थाना क्षेत्र के धवारी गाँव में देखने को मिला जहाँ किसान भगवंत सिंह ने बैक और साहूकारों के लाखों रूपये के क़र्ज़ के बोझ के तले दबकर अपने पत्नी सीता और हिमांशु की गोली मारकर हत्या कर दी और खुद को भी गोली मार ली. परिजनों और पुलिस ने बताया कि मृत परिवार आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी. कई दिनों से पत्नी और बच्चे बीमार थे भारी बारिश के आठ बीघा जमीन में होने वाली फ़सल पूरी तरह जमीदोज होकर बर्बाद हो चुकी थी.