shabd-logo

किसके नाम की मांग भरूं --- भाग 2

30 जनवरी 2022

60 बार देखा गया 60

 भाग 2


  सावित्री सुबह-सुबह लाला की दुकान पर जाती है।

"लाला जी राम-राम" सावित्री लाला के सामने हाथ जोड़े, नज़रें झुकाए खड़ी है।
लाला अवाक सा सावित्री को देखता ही रह जाता है, उसने इतनी सुन्दर औरत आज तक नहीं देखी थी।
रामलाल सावित्री को इसलिए घर से बाहर नहीं जाने देता था, क्योंकि वो बला की खूबसूरत थी। हालांकि भूख, गरीबी और रोज़ की खिट-पिट ने उसका वो रूप छीन लिया था, लेकिन फिर भी अभी भी उसकी सुन्दरता के सामने सब पानी भरते थे।
" राम-राम! कौन हो तुम, हमने तो पहले तुम्हें देखा नहीं कभी?" सावित्री की सुन्दरता को देख लाला की लार टपकाने लगी, अवाक् सा उसे देखे जा रहा है।
सावित्री, " लाला जी मैं रामलाल की बहु" 
लाला ने चर्चा सुना तो था जब रामलाल की शादी हुई, कि पूरे गांव में ऐसी बहू नहीं जैसी रामलाल लाया, परी है परी, आज साक्षात् देख भी लिया।
" अरे, ऊऊऊऊ  रामलाल, अरे ये तो बन्दर के गले में मोतियों का हार पड़ गया रे। ख़ैर बताओ कैसे आना हुआ"! लाला खुशी को दबाते हुए कहता है, क्यों कि वो समझ जाता है कि इसे काम की ज़रूरत ही खींच लाई है, और अब तो वो लाला के चंगुल में फंसी समझो।
" लाला जी कोई काम मिल जाता तो, बड़ी आस लेकर आई हूं, बच्चे दो दिन से भूखे हैं" सावित्री याचना भरे स्वर में।
उसे देखते ही लाला की लार टपक रही है, उसे यही चाहिए था बोला, " हां, हां क्यों नहीं, अनाज वगैरा झाड़- पटक दिया कर, तेरा भी काम चल जाएगा, मेरा भी काम बन जाएगा"
" जी, लाला जी, तनिक थोड़ा सा दाल-चावल दे दिओ, बच्चों को खाना खिलाए के  अभी काम पे आ जाऊंगी"
और लाला उसे दाल-चावल दे देता है, उसे मालूम है कि सावित्री ज़रूरत मंद है, काम पर तो आना ही पड़ेगा, थोड़े से दाल-चावल लेकर भाग तो जाएगी नहीं, और लाला को भी उस पर अपनी धाक जमानी थी, वरना ऐसे तो लाला है बड़ा कंजूस।
काव्या सोनी

काव्या सोनी

Behtreen part 👏👌👌

3 फरवरी 2022

prem

prem

9 फरवरी 2022

Ji shukriya 🙏

12
रचनाएँ
किसके नाम की मांग भरूं?
5.0
यह कहानी एक ऐसी औरत पर आधारित है, जिसे बचपन से ही लाल सुर्ख मांग अच्छी लगती थी, उसे मांग भरने का इतना शौंक था कि मांग भरने के मायने ना जानते हुए वो बचपन में खेल-खेल में मांग भरा करती थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
1

किसके नाम की मांग भरूं --- भाग 2

30 जनवरी 2022
3
1
2

भाग 2 सावित्री सुबह-सुबह लाला की दुकान पर जाती है।"लाला जी राम-राम" सावित्री लाला के सामने हाथ जोड़े, नज़रें झुकाए खड़ी है।लाला अवाक सा सावित्री को देखता ही रह जाता है, उसने इतनी सुन्दर और

2

किसके नाम की मांग भरूं

31 जनवरी 2022
0
0
0

भाग 3सावित्री घर जाकर बच्चों को खाना खिलाकर रेशमा को दोनों बच्चों को संभालने का कह कर काम पर आ जाती है। शाम को जाते समय भी खाने का इंतजाम हो गया।उधर आज रामलाल की भी मजदूरी अच्छी हो गई तो बच्चों के लिए

3

किसके नाम की मांग भरूं

1 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 3सावित्री घर जाकर बच्चों को खाना खिलाकर रेशमा को दोनों बच्चों को संभालने का कह कर काम पर आ जाती है। शाम को जाते समय भी खाने का इंतजाम हो गया।उधर आज रामलाल की भी मजदूरी अच्छी हो गई तो बच्चों के लिए

4

किसके नाम की मांग भरूं

1 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 4चौथी बार फिर से बेटी, लेकिन इसके बाद सावित्री ने नसबंदी करा ली। रामलाल ने बहुत झगड़ा किया कि नहीं करानी नसबंदी। लेकिन सावित्री नहीं मानी बोली," एक लड़के की चाह में चार छोरियां हो गई और कितनी

5

किसके नाम की मांग भरूं

1 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 5रेशमा ईश्वर से सदा एक ही प्रार्थना करती," हे ईश्वर, मैं खुद तो अनपढ़ हूं लेकिन मैं मेहनत करके अपनी बहनों को पढ़ाऊंगी। मेरी मांग में सिंदूर ऐसे शख्स से भरवाना जो इसकी कद्र भी करें"सावित्री र

6

किसके नाम की मांग भरूं

2 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 6सावित्री ने बहुत कोशिश की, कि रेशमा लाला की नज़रों में ना आए, मगर होनी को कुछ और ही मंजूर था। सावित्री की एक ना चली, उसे रेशमा को लाला की दुकान पर काम के लिए लाना पड़ा। सावित्री रेशमा को दिन में

7

किसके नाम की मांग भरूं

3 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 7सावित्री उलझन में थी क्या करती अगर रेशमा को लाला के पास भेजती है तो बच्ची की ज़िंदगी खराब हो जाएगी, और अगर नहीं भेजती तो ना जाने क्या करेगा? सावित्री अच्छे से जानती है लाला की नज़र में जो च

8

किसके नाम की मांग भरूं

4 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 8सावित्री की ऑंखों से ऑंसुओं की धारा बह निकली, उसने रेशमा को गले से लगा लिया, आज मां-बेटी गले मिलकर बिन लब खोले ऑंसुओं की भाषा में बातें कर रही हैं।अब सावित्री की तरह रेशमा लाला के पास जाने लगी। ए

9

किसके नाम की मांग भरूं

7 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 9रात को सावित्री लाला की हवेली पर दीपेन बाबु के पास चली गई, लेकिन दीपेन ने आते हुए वही लाला की तरह धमकी दी कि अगर कल से रेशमा को ना भेजा तो छबीली को बुला लेगा।अब रेशमा को छोटी बहन के लिए कुर्बानी

10

किसके नाम की मांग भरूं

7 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 10लेकिन रेशमा लड़खड़ाती आवाज़ से चौंक गई, " ओ छमिया सुन, ये हमारे अन्नदाता है, इनकी हर बात मानिओ, खुश कर दे हमारे राजा जी को, तुझे बक्शीश देंगे" ये रमेश की आवाज़ थी। रेशमा ने घूंघट हटाक

11

किसके नाम की मांग भरूं

7 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 11उधर शराब अधिक पीने के कारण रेशमा की शादी के कुछ ही दिनों बाद रामलाल की मौत हो गई थी, इस पर रेशमा को छबीली की चिंता सताने लगी, जो मां और रेशमा के साथ चल रहा था वही जीवन वो बाकी छोटी बहनों को नहीं

12

किसके नाम की मांग भरूं

7 फरवरी 2022
0
0
0

अन्तिम भाग 12रेशमा तड़के ही जग जाती थी। आज सूरज सिर पर चढ़ आया, उसने जैसे ही कमरे का दरवाज़ा खोला तो सामने रेशमा की लाश झूल रही थी पंखे के सहारे। उसने रोना-धोना शुरू कर कर दिया सब गांव वाले इकट्ठ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए