नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने आज लगभग 55 राजनीति क दलों की बैठक बुलाकर एवीएम पर चर्चा की। इस बैठक में सबसे पहले चुनाव आयोग के एक्सपर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को बताया कि कैसे एवीएम टैम्पर प्रूफ है। बैठक से बाहर निकले बीजेपी नेता ने कहा कि दो दिन में चुनाव आयोग टेम्परिंग करने का मौका दे सकता है लेकिन चुनाव आयोग की बैठक से बाहर आये कुछ नेताओं की बातचीत से लगता है कि वह आम आदमी पार्टी की मांग के साथ खुलकर नहीं है।
क्योंकि अगर वह एवीएम हैक करने में असफल रहे तो देश में सभी विपक्षी दलों को लेकर जनता में यह सन्देश जायेगा कि वह एक संवैधानिक संस्था पर सवाल उठा रही है। इसलिए ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां हैकाथॉन के अतिरिक्त चुनाव आयोग से यही मांग करेगी कि आने वाले चुनाव VVPAT के बगैर न करवाए जाएं।
सबसे बड़ी चुनौती अब आम आदमी पार्टी के पास है जो लगातार ईवीएम को हैक करने का दावा कर रही है। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार भारत में चुनाव आयोग की ईवीएम को बनाने वाली कंपनी BHEL का कहना है कि इस मशीन का मदर बोर्ड बदला जा सकता है लेकिन उस स्थति में यह ईवीएम नहीं रह जाएगी।
अब सवाल यह भी उठता है कि चुनाव आयोग आम आदमी पार्टी को मशीन के साथ किस हद तक छेड़छाड़ करने का मौका देता है। क्या वह मशीन का मदर बोर्ड या हार्डवेयर बदलने का मौका देगा।
सरकार ने दिया VVPAT के लिए पैसा
चुनाव आयोग (ईसीआई) ने राजनीतिक दलों के साथ बैठक के दौरान कहा कि उसे वीवीएपीएटी या मतदाता सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के लिए सरकार से पैसा मिला है और इसे 2019 तक लागू किया जाएगा।
टीवी रिपोर्ट के अनुसार जेडीयू नेता का कहना है कि आईएम मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों में एकता देखने को नहीं मिल रही है। ज्यादातर पार्टियां की चुनाव आयोग से यही मांग है कि आने वाले चुनाव वीवीपैट से करवाए जाएँ।