नई दिल्ली:मां शक्ति की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र शनिवार, 1 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, जो 10 अक्टूबर, सोमवार तक रहेगा. नवरात्र में तृतीया तिथि दो दिन 3 से 4 अक्टूबर तक रहेगी. इसलिए नवरात्रि नौ की बजाए 10 दिन की होगी.
मां शक्ति की सवारी शेर क्यों
उत्पत्ति - माया - शक्ति की अवतार के रुप में दुर्गा अजेय है.वह एक समय में दुल्हन भी हैं और योद्धा भी. वे एक रुप में घर स्तापित करती हैं , सुख देती हैं, जग जन्नी मां हैं और भोजन उपल्बध करती हैं. दूसरे रुप में वह रणक्षेत्र में जाती हैं. और हत्याएं करती हैं जो उनकी शरण में आता है उसकी रक्षा करती हैं और जो चुनौती देता है उसका संहार करती हैं . वह शेर को भी शांत कर उसे सवारी बना लेती हैं . वह अपने बालों (केश) को कभी नहीं बांधती . इस रुप को दुर्गा कहते हैं.
हिंदू देवी देवता में किसे माने
हिंदू देवी-देवता महज किसी गुफा में रखा एक चट्टान हो सकता है किसी बागीचे का पेड़ हो सकता है , कलकल बहती नहीं हो सकती है , सड़क पर घूम रही गाय हो सकती है या खूबसूरत तरीके से सजाए गए पत्थर की मूर्ति , या मंदिर मं स्थातियो पर प्रतिक्रिया दे सकता है . कई मंदिरों में पत्तर पर दो आंखें उकेर कर और हाथ बनाकर देवी - देवता को मानवीय रुप दिया जाता है आंके इंद्रियबोध दर्शाती हैं और हाथ सक्रियता दर्शाने वाले अंग है . इससे इंगित होता है कि देवी-देवता जाग्रत, संवेदनशील और प्रतिक्रियाशील है.
33 करोड़ हिंदू देवी -देवताओं का विचार एक मणि या गहने से सजाना है. जिसके मुताबिक देवी-देवताओं के अनगिनत स्वरुप है जिनमें दुर्गा विश्व रुप का अलौकिक स्वरुप है.