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'क्योंकि वतन है सर्वोपरि'-भाग 2

20 अप्रैल 2022

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रचनाएँ
क्योंकि वतन है सर्वोपरि
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देशप्रेम से ओतप्रोत कहानी
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'क्योंकि वतन है सर्वोपरि'-भाग 1

20 अप्रैल 2022
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घनी अँधेरी रात्रि ।भयंकर तूफान चल रहा था ।बिजली की कड़क के साथ घनघोर बारिश प्रारंभ हो चुकी थी ।वह अपने घर से जंगल के रास्ते बेतहाशा भागती जा रही थी ,अपने सत्रह साल के बेटे के साथ ।मौसम बडा़ ही खराब था

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'क्योंकि वतन है सर्वोपरि'-भाग 2

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उसके पायल और चूडियाँ बहुत आवाज कर रहे थे जिससे वह किस तरफ जा रही ये उसके लिये जानना आसान था तो उसने पायल व चूडिंयां उतार कर वहीं एक कोने में रख दिये । अभी कितनी रात थी ये भी पता न चल पा रहा था ।

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'क्योंकि वतन है सर्वोपरि'-भाग 3

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कहाँ,कहाँ हमला होने वाला है ?" वो ,,,,वो बहादुर शहर के उस ,, उस ,,कहती हुयी वो लगभग बेहोश होती हुयी अपना फोन पुलिस वाले की तरफ बढा़ती है जिस पर काॅल चल रही होती है पर जैसे ही पुलिस वाला फोन लेता है का

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'क्योंकि वतन है सर्वोपरि'भाग 4

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गया तो वह बोली मैं सही हूँ ,सबको भेज दीजिये मैं बताने के लिये सही हूँ । सब अंदर आये तो उसने बताना प्रारंभ किया -वो मुझसे कह कर गया था जब अंतिम बार मिलने आया था कि बेटा जब सत्रह साल का हो जायेगा तो उसे

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'क्योंकि वतन है सर्वोपरि'-भाग5

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वो बोला -"कह कर तो गया था कि बेटा जब सत्रह साल का हो जायेगा तो उसे अपने साथ ले जाऊंगा ।" मैंने रोते हुये उससे कहा -"देखो ,मैंने आजतक तुम्हारे काम में न दखल दिया ,न तुम्हारा कभी विरोध किया ,तुम जो करो

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'क्योंकि वतन है सर्वोपरि'-भाग6

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कितना !कितना रोयी थी वो ।बाथरूम में जाकर शाॅर के नीचे बैठी हुयी अपने ही अंग हाथों से रगड़ती जा रही थी ।घिन आ रही थी उसे अपने आप से ।एक आतंकी के द्वारा ,लोगों का खून बहाकर लाये हुये रुपयों से उसका घर च

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'क्योंकि वतन है सर्वोपरि'-भाग7

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उधर पुलिस छानबीन में जुटी हुयी थी ।आतंकी,जो बहादुर शहर के राहतगंज में धमाका करने के प्रयास में धर दबोचे गये थे उन पर मुकदमा चलना प्रारंभ हो गया था । उनके सब रिकार्ड खँगाले जा रहे थे । और उधर उसका बेटा

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'क्योंकि वतन है सर्वोपरि'-भाग 8 अंतिम भाग

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तुम वही लड़के हो जो आतंकियों की गिरफ्त में था "पुलिस अधिकारी ने पूछा । "जी ,मैं वही हूँ ।बाकी की बात बाद में बताऊंगा अभी तो यह खुफिया जानकारियाँ सुनिये,ये सबूत जो मैंने गुपचुप तरीके से और कुछ उनका विश

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