पटना: बिहार में आई बाढ़ से तबाह हुए लोग पैसे के लिए कितने मजबूर हो चुके हैं इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि बाढ़ राहत सिविरों में रह रही गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए अस्पताल नहीं जाना चाह रही हैं. उन्हें डर है कि अगर वो अस्पताल गईं तो मुख्यमंत्री द्वारा जो मुआवजे का एलान किया गया है वो नहीं मिलेगा.
कई कैंपों में हैं गर्भवती महिलाएं
आपको बता दें कि दानापुर जिले के कई राहत कैंपों में गर्भवती महिलाएं हैं. कुछ को ऐसी है जिनका प्रसव कभी भी हो सकता है. क्योंकि उनके पेट में पल रहा भ्रूण 9 महीने का हो चुका है. लेकिन कैंप में तमाम बदइंतजामियों के बावजूद महिलाएं कैंप को छोड़ना नहीं चाह रही हैं. महिलाओं का कहना है कि कैंप में अगर प्रसव होगा तो उन्हें सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा. नीतीश कुमार ने बाढ़ राहत कैंपों में जन्म लेने वाले बच्चों को 15 हजार और 10 हजार रूपय देने की घोषणा की थी.
कई महिलाएं हैं कैंपो में
सिर्फ दानापुर जिले की बात की जाए तो वहां के मकशूदपुर गांव में रंभा देवी और कासीमचक गांव के राहत कैंपों में सुनिता देवी गर्भवती हैं. डॉक्टर की माने तो इन्हे तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए क्योंकि इन दोनों ही महिलाओं का नौवां महिना चल रहा है और कभी भी प्रसव पीड़ा हो सकती है. वहीं त्रिभूवन पार्क के कैंप नें रह रही राजकुमार देवी का भी आठवां महिला चल रहा है पर उसे डॉक्टरी परामर्श की जरूरत है.
अस्पताल में नहीं जाना चाह रही हैं महिलाएं
डॉक्टरों की माने तो उनके लाख समझाने के बाद भी महिलाएं जाने को तैयार नहीं है. अगर कैंपों में प्रसव के दौरान ऑपरेशन की जरूरत पड़ जाए तो ऐसे में उनकी जान भी खतरे में पड़ सकती है.