लखनऊ : नेता जी सुभाष चंद्र बोस के आखिरी ज़िंदा सिपाही कर्नल निजामुद्दीन नही रहे। उनकी उम्र 116 वर्ष से ज्यादा थी। सोमवार को सिपाही निजामुद्दीन ने आजमगढ़ के मुबारकपुर इलाके के ढकवा में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरे पूर्वांचल की आंखे नम हो गई हैं।
पीएम मोदी द्वारा पिछले साल नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के बाद उनके बूढ़ी आंखों में एक नई चमक दिखाई दी थी। 2014 के लोकसभा चुनावों के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिपाही निजामुद्दीन के पांव छूकर आशीर्वाद लिया था। बता दें, पिछले दिनों नेताजी की प्रपौत्री राज्यश्री चौधरी ने निजामुद्दीन से मुलाकात की थी।
नेताजी से उनसे आखिरी मुलाकात के बारे में जब प्रपौत्री ने पूछा तो बोले, 'वह दिन जीते जी कभी नहीं भूल सकता हूं। मैंने बर्मा-थाईलैंड बॉर्डर पर सीतांगपुर नदी के पास कार से उतारा था। मैं उनके साथ खुद भी जाना चाहता था लेकिन उन्होंने यह कहकर वापस भेज दिया कि हम आजाद भारत में मिलेंगे। इसके बाद नेताजी से मेरी कोई मुलाकात नहीं हुई। मैंने अपना हीरो खो दिया। देश में उनके जैसा कोई नेता आज तक पैदा ही नहीं हुआ।'