लखनऊ: 2014 के लोकसभा चुनाव और फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से मात खाने वाली बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने अब अपना ध्यान 2019 के लोकसभा चुनावों पर केंद्रित कर दिया है।
पार्टी को नए तरीके से मजबूती के साथ खड़ा करने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। इसके तहत आपरेशन क्लीन चलाकर आरोपों से घिरे नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया गया है। इसके शिकार झांसी के बबीना विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक कृष्णपाल सिंह राजपूत हुए हैं। उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
बबीना विधानसभा क्षेत्र चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के विधायक कृष्णपाल सिंह राजपूत की हार ने सबसे बड़ा झटका पार्टी के लोगों को दिया था। सवाल तो उनके चुनाव लड़ने के तरीके को लेकर भी उठने लगे थे। इसकी शिकायतें पार्टी में ऊपर स्तर तक की गईं। हालांकि, पार्टी की ओर से उनकी अनुशासनहीनता को स्पष्ट नहीं किया गया है, इसके बावजूद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
यह जानकारी यहां पार्टी के जिलाध्यक्ष मुन्ना पाली द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति में दी गई है। बबीना सीट से कृष्णपाल सिंह राजपूत 2012 के चुनाव में विधायक चुने गए थे। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव, भारतीय जनता पार्टी ने श्याम सुंदर सिंह यादव और कांग्रेस ने राजेंद्र सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा था। इस सीट पर 2012 में अन्य तीनों प्रमुख दलों ने यादव जाति के उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया। इससे राजपूत बिरादरी की ओर से बसपा से मैदान में उतरे कृष्णपाल सिंह राजपूत चुनाव जीत गए थे।