नई दिल्ली : आयकर निपटान विभाग (ITSC) ने आखिरकार यह मान लिया कि पांच साल में उन्होंने कभी इतनी जल्दी किसी मामले का निपटारा नही किया जितनी जल्दी सहारा डायरी मामले में सुनाया। एक आरटीआई के जवाब में ITSC ने कहा कि उनके द्वारा पिछले पांच साल में किसी भी केस का निपटारा इतने कम समय में नही किया गया।
आय कर निपटान आयोग (ITSC) ने सहारा इंडिया को बड़ी राहत देते हुए विवादित डायरी मामले में कंपनी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई किए जाने से इनकार कर दिया था जिससे सहारा को जुर्माने से भी राहत मिल गई।
गौरतलब है कि नवंबर 2014 में सहारा इंडिया के ठिकानों पर की गई छापेमारी में मिली डायरी को आयोग ने सबूत मानने से मना कर दिया है। इस डायरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई और नेताओं के नाम के साथ उन्हें दिए जाने वाले पैसों के बारे में लिखा हुआ था। तीन महीने के अंदर आयोग ने मामले की सुनवाई कर फैसला सुना दिया। मामले की 7 नवंबर 2016 को हुई अंतिम सुनवाई के बाद महज तीन दिनों के अंदर ही (10 नवंबर को) फैसला सुना दिया गया।
आम तौर पर आयोग किसी मामले में फैसला देने के लिए कम से कम 18 महीने का समय लेता है। फैसले में लिखा गया है कि छापे के दौरान सहारा इंडिया से 137.58 करोड़ रुपये बरामद हुए थे जिस पर अब टैक्स लगाया जाता है। इसके अलावा कंपनी को बड़ी राहत देते हुए जुर्माने की रकम के भुगतान को 12 किस्तों में कर दिया गया।