नई दिल्ली: मां और बच्चे का रिश्ता दुनिया में सबसे सबसे प्यारा बच्चे के लिए कभी उम्मीद नहीं हारती। कुसुम शर्मा भी कुछ ऐसी ही हैं, जिन्होंने पिछले 45 साल से अपनी उस बेटी के लिए उम्मीद पाल रखी है जिसकी मानसिक उम्र ढाई साल जितनी ही है। भारती शर्मा का जन्म 1972 में हुआ। मां कुसुम शर्मा और पिता केसी शर्मा की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि बेटे के जन्म के 4 साल बाद घर में लक्ष्मी ने कदम रखा था।
दरअसल, नौ महीने में भारती बहुत कम रोई, सिर्फ दूध ही पीती और कोई शब्द नहीं बोल पाई तो मेडिकल में इलाज के लिए गए, तब पता चला कि उनकी बेटी अब कभी बड़ी नहीं हो पाएगी। 45 साल की भारती अभी भी ढाई साल की बच्ची ही हैं। सुबह उठने पर ब्रश कराने से लेकर हाथों से खाना तक खिलाना पड़ता है।
मां कुसुम का कहना है कि मेरे दोनों बच्चे बड़े हो गए लेकिन भारती बच्ची ही रही। उसे देख कभी दुख भी होता है कि मेरे बाद इसका क्या होगा, लेकिन उसकी मासूमियत देखकर सारी चिंता भूल जाती हूं। पिता केसी शर्मा कहते हैं कि चार साल तक भारती ने दूध के अलावा कुछ नहीं पीया तो हम घबरा रहे थे लेकिन पत्नी ने हिम्मत नहीं हारी। सिलबट्टे पर दालों एवं अनाज को पाउडर जैसा पीसती और फिर एक-एक चुटकी पानी में घोलकर देतीं। आज भारती दाल-रोटी खाने लगी है। डॉक्टर कहते थे ऐसे बच्चे 15-20 साल से ज्यादा नहीं जी पाते लेकिन मां के आगे तो मौत भी हार जाती है।