नई दिल्ली : महाराष्ट्र में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के अल्टीमेटम से तिलमिलाए बैठे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को एक कार्यक्रम में ठाकरे की पार्टी को धन उगाही वाली पार्टी कह दिया. जिसके चलते राज्य में अपनी -अपनी प्रतिष्ठा स्थापित करने को लेकर दोनों पार्टियां आमने-सामने दिखाई दे रही हैं. दरअसल बीएमसी चुनाव को लेकर बीजेपी और शिवसेना में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गयी है.
बीजेपी और शिवसेना में वर्चस्व की जंग
सूत्रों के मुताबिक वर्चस्व की बात उसी दिन से शुरू हो गयी थी, जब केंद्रीय मंत्रीमण्डल में शिवसेना के पदाधिकारियों को मंत्री तो बनाया गया, लेकिन उनको मनचाहे मंत्रालय नहीं दिए गए. जिसके चलते लंबे समय से दोनों पार्टियों के बीच मनमुटाव चल रहा था, लेकिन शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे चुप इसलिए थे कि उनके पास कोई और रास्ता नहीं था. लेकिन बीएमसी चुनाव आते ही ठाकरे ने ये ऐलान कर दिया कि उनकी पार्टी अकेले ही बीएमसी चुनाव लड़ेगी.
फडणवीस ने क्या कहा था ?
इस बात से नाराज सीएम फडणवीस ने शनिवार को शिवसेना को उगाही पार्टी एक कार्यक्रम के दौरान कह डाला. जिसके बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को इस पर कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी. लेकिन ठाकरे ने यह जरूर कह दिया कि भाजपा पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का अपना वादा पूरा नहीं करने के लिए ताना मारा और कहा, ‘वे (भाजपा) वे ईंटें खोज रहें होंगे जो उन्होंने पहले एकत्रित की थीं. यदि वे ईंट खोज लेंगे, तो हो सकता है कि वे मंदिर बना दें. मंदिर बनाएंगे, पर कब बनाएंगे.’
शिवसेना से मुंबई को हुआ नुकसान
दरअसल फडणवीस ने शनिवार रात भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए शिवसेना को ‘वसूली करने वालों की पार्टी’ बताया था और गत दो दशकों से मुम्बई पर उसके प्रभुत्व को मुम्बई के लिए ‘बड़ा नुकसान’ बताया था. ठाकरे ने अपनी मौजूदगी में बृहन्मुम्बई महानगरपालिक (बीएमसी) में विपक्ष के पूर्व नेता एवं कांग्रेस पार्षद देवेंद्र अंबेरकर के शिवसेना में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मैं उनकी (फडणवीस) कल रात की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करना चाहता. उन्होंने पहले कहा था कि केवल लाल किले से भाषण देने से कोई भी प्रधानमंत्री नहीं बन जाता. इसी तरह से कोई भी केवल (स्वयं को) मानकर भगवान कृष्ण नहीं बन जाता.’
जनता देगी जवाब
ठाकरे ने भाजपा मुम्बई प्रमुख आशीष शेलार का नाम नहीं लिया, जिन्होंने कल की रैली के दौरान अपने संबोधन में शिवसेना-भाजपा संबंधों के लिए महाभारत की उपमा दी थी. उन्होंने फडणवीस को भगवान कृष्ण बताया था और उम्मीद जतायी थी कि कृष्ण कौरवों (शिवसेना) के खिलाफ लड़ेंगे. ठाकरे ने कहा, ‘मैं उस पर (जो फडणवीस ने कहा) अधिक नहीं बोलूंगा क्योंकि मेरा भी गला खराब हो जाएगा.’ उनका इशारा परोक्ष रूप से कल रात फडणवीस के अपने संबोधन के दौरान दो बार पानी पीने की ओर था क्योंकि उनका गला खराब था. उन्होंने कहा, ‘जो उन्होंने कहा उस पर नहीं बोलूंगा. मुम्बई के लोग उसका जवाब देंगे. उनकी पहले की छवि खराब हो गई है. अब भय यह है कि छवि ‘गुंडो के सीएम’ की न बन जाए.’