नई दिल्ली : एक अंग्रेजी अख़बार में केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत चलाये जा रहे शौचालय अभियान की आलोचना करने वाली 1994 बैच की आईएएस अफसर दीपाली रस्तोगी की नौकरी पर तलवार लटकी हुई है। द हिन्दू अख़बार में लिखे अपने लेख में आईएएस दीपाली ने खुले में शौच (ओडीएफ) अभियान को औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त करार दिया था।
आईएएस दीपाली ने लिखा था ''योजना उन गोरे लोगों के कहने पर लाई गई, जिनकी वॉशरूम हैबिट भारतीयों से अलग है। गोरे कहते हैं कि खुले में शौच करना गंदा है तो हम इतना बड़ा अभियान ले आए। ग्रामीण क्षेत्रों में खेत पर छोड़ी गई शौच तेज धूप में सूख जाती है, अगले दिन वह खाद बन जाती है।
अगर ये लोग टैंक खुदवाकर शौचालय बना भी लें तो उसमें लगने वाला पानी कहां से लाएंगे। ग्रामीणों को लंबा फासला तय करके पानी लाना होता है''। दीपाली ने लिखा ''इतनी मेहनत से अगर कोई दो घड़े पानी लाता है तो क्या वह एक घड़ा टायलेट में डाल सकता है? बिलकुल नहीं''।
बीजेपी सांसद आये समर्थन में
सरकार की योजना पर सवाल उठाने वाली आईएएस के समर्थन में अब खुद बीजेपी सांसद प्रह्लाद पटेल आ गए हैं। प्रह्लाद पटेल ने कहा, 'आईएएस दीपाली रस्तोगी ने ओडीएफ को लेकर व्यवहारिक बातें कहीं हैं। इनकी बातों का जिक्र वह पहले संसद में कर चुके हैं।