नई दिल्ली : स्कर्ट बयान पर विवादों में घिरे केंद्रीय मंत्री महेश ने सफाई देते हुए कहा कि यह हमने नहीं कहा की कोई स्कर्ट पहने या नहीं. यह अडवाइजारी केवल धर्मिक जगहों के लिए थी ताकि पवित्र स्थानों की शुद्धता बरकरार रखी जा सके . महेश शर्मा ने कहा कि मैने केवल इतना कहा कि जैसे गुरद्वारे में उन्हे अपना सिर ढंक लेना चाहिए उसी तरह अगर वह किसी मंदिर में जाती हैं तो उन्हें अपने जूते बाहर उतार देने चाहिए.
उन्होने कहा कि मैं धार्मिक जगहों कि बात कर रहा था कौन क्या पहने मुझे उससे कोई मतलब नहीं, यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है कि किसी के पहनावे पर टिप्पनी करी जाए. मेरी भी दो बेटियां है. वह भी जिंस और टिसर्टस पहनती है और रोजाना अपने दफत्तर जाती है तो मैंने यह कभी नहीं कहा कि किसी व्यक्ति को क्या नहीं पहनना चाहीए. शर्मा ने कहा कि हम किसी की तरहीज को बदलने की कोशिश नहीं कर रहे है हम तो बस उनसे यह कर रहे है कि जब वे रात में बाहर जाएं तो सावधानी बरते. वह जिस ऑटो या टेक्सी से ट्रावल कर रही है उसका नंबर उस इलाके के लोकल थाने में मैसेज कर दें.
आपको बता दे कि रविवार को रिपोर्टरों से बात करते हुए शर्मा ने कहा था , उनकी खुद की सुरक्षा के लिए विदेशी महिला पर्यटकों को स्कर्ट या छोटे कपड़े नहीं पहनने चाहिए..विदेशी महिला पर्यटकों को रात में अकेले बाहपर निकलने से भी बचना चाहिए. मंत्री ने कहा कि ये बातें उस अडवाइजरी का हिस्सा होंगी जिसे विदेशी पर्यटकों के भारत आने पर वेलकम किट में दिया जाएगा.शर्मा ने विदेशियो से यह भी कहा कि जब वे मंदिरों के शहर मथुरा और वंदावन जाए तो भारतीय संस्कृती की संवेदनशीलता का खयाल रखें. क्या पहनना चाहिए और क्या नहीं इस बारे में हमने कोई स्पष्ट दिसानिर्देस जारी नहीं किया हैं