सुबह के 8:00 बजे तक एक छोटे से घर में , अपने कमरे में सोयी संस्कृति अपने ही सपनों की दुनिया में खोयी थी । वो सपने में अपने दोस्तों के साथ किसी रिसोर्ट में पार्टी करने गई थी , वह अपने दोस्तों के साथ खूब पार्टी इंजॉय कर रही थी । कभी ड्रिंक्स तो कभी स्नेक्स खाए जा रही थी ।
कुछ देर बाद अपने दोस्तों से बोली यार चलो ना डांस करते हैं । मेरा बड़ा मन हो रहा है डांस करने का । तब सारे दोस्त बोले ओके चलो चलते हैं । इतना कहकर वह लोग डांस फ्लोर की ओर बढ़ जाते हैं । संस्कृति डीजे बॉय के पास गई और उसे अपने टपोरी लैंग्वेज में बोली — भैया कोई झक्कास सा सॉन्ग प्ले कर दो ना ... एकदम टिपटॉप वाला .... डीजे बॉय मुस्कुराते हुए संस्कृति के ही टोन में बोलता है — ओके लगा देता हूं कोई बढ़िया झक्कास सा सॉन्ग । संस्कृति उछलते हुए उसे थैंक यू बोल कर वहां से चली गई । सॉन्ग प्ले हुआ और वो सॉन्ग यह था ।
दरवाजे पर कुण्डी मारो
कोई ना बच के जाने पाये
DJ को समझा दो
म्यूजिक गलती से भी रुक ना जाये
आधा टका जो फ़ील करे वो
दो रेड बूल गटकले
और जिसको डांस नहीं करना
वो जाके अपनी भैंस चराये
बस आज की रात है
कल से वही सियाप्पे हैं
जी भर के नाच लो
ना घरवाले ना मापे हैं
सब पे अपना राज है
डरने की क्या बात है
ये तो बस शुरुवात है
ये तो बस शुरुवात है
अरे अभी तो पार्टी शुरू हुई है
अभी तो पार्टी शुरू हुई है . . .
सारे दोस्त खूब डांस एंजॉय कर रहे थे । संस्कृति का नींद तब टूटा जब डांस करते-करते वह अपने बेड से नीचे धड़ाम से गिरी । जब उसने अपने आपको ... अपने ही कमरे में , बेड के नीचे लेटे देखा तो उसने अपना मुंह बनाते हुए ऊपर देखते हुए कहा — क्या भगवान जी आपको मेरी इतनी सी खुशी आप से देखी नहीं जाती क्या ? कम से कम पूरी सॉन्ग ही खत्म हो जाने देते !🙄 पर नही आपको तो अपने ही मन की करनी होती है हमेशा । आप बहुत बुरे हो बहुत ... बहुत ... बहुत ... बहुत ... बहुत ... बहुत ... बहुत ... ज्यादा बुरे .... । आखिर क्या दुश्मनी है आपकी मुझ गरीब लड़की से .... । संस्कृति वहां अपना मुंह फुला 😣 कर कुछ देर तक वैसे ही बैठी रही ।

फिर उसके शैतानी दिमाग में कुछ शैतानी सूझी और वो स्माइल ☺️ करते हुए , वहां से उठी और उपर देखते हुए बोली — मुझे भी कम मत समझिए । मुझसे पंगा ले कर गलती कर दिया अपने भगवान जी । असली रिसोर्ट ना सही , पर नकली तो बना ही सकती हूँ ना मैं । अब देखिए .... मैं अपने इस छोटे से गरीब खाने को कैसे रिसोर्ट बनाती हूं ।
चल लग जाए संस्कृति तू अपने मिशन पर ।
संस्कृति कॉल कर के अपने सभी दोस्तों को बुलाती है और सबको बोलती है की तुम लोग पहले सारे घर की सफाई अच्छे से करो फिर इसको हम डेकोरेट करेंगे । संस्कृति यह कहकर अपने घर का सारा सामान अपने दोस्तों के साथ स्टोर रूम में रखवा दी ।
लगातार 2 घंटे तक काम करने की वजह से सारे थक गये थे ।सब के सब नीचे जमीन पर वही बैठ गए ।
संस्कृति ने अपने कमर पकड़कर अ ...ई . . . लगता है मेरी कमर टूट गई ।अरे यार देखो तो कहीं सच में तो नहीं टूट गई ।
सृष्टि संस्कृति के कमर पर हाथ रख कर अपनी आंखों को बड़ा 😲करते हुए ।नहीं !ऐसा नहीं हो सकता मेरे दोस्त के साथ ....
संस्कृति - क्या हुआ ?
सृष्टी -यार सच में तुम्हारी कमर टूट गई है ।अब तुमसे शादी कौन करेगा ? तुम पूरी जिंदगी टेड़ी होकर चलोगी ।हाय 🤦🏻♀️ यह कैसा🤷🏻♀️ दिन देखने को मिल रहा है । हाय मैं लुट गई बर्बाद हो गई । सृष्टी की एक्टिंग देख कर वहां बैठे आरव ,सक्षम , सात्विक , अपुर्वा, वेदान्त सब हस रहे थे ।
संस्कृति सबको अपने ऊपर हंसता देख कर थोड़े गुस्से में बोलती है - अई... देखो तो कैसे बेशर्म की तरह हंसे जा रहे हैं । और तुम सृष्टी की बच्ची तुम भी इन सब के साथ रह कर बेशर्म हो गई हो । कुछ भी बोले जा रही हो । अरे कमर मेरी नहीं उन अमिर जादियों की टूटे । जो आये दिन पार्टी करती है । बड़ी - बड़ी हिल्स पहनकर पार्टी में मटकली बनी घुमती फिरती है ।
आरव -अच्छा-अच्छा बहुत बद्दुआएं दे ली । अब कुछ खाने का इंतजाम करो पेट में चूहे भूकंप मचा दिये हैं , सुबह से कुछ नहीं खाया है मैंने ।
संस्कृति -तो कुछ खाकर ही आते भूख्ड़ ।अब क्या ही कर सकते हैं । जब मुंह खोल कर मांग रहे हो तो देना ही पड़ेगा ना ।इतना कह कर वो किचन में गई और फ़्रिज से कुछ मिठाइयां लाकर सबको देते हुए बोली अभी इसी से काम चलाओ ।मैं और वेदांत डेकोरेशन का सामान लेने जा रहे हैं तो वहीं से कुछ ले लेंगे ।तब तक थोड़ा रेस्ट कर लो इतना कह कर संस्कृति वेदांत को लेकर शॉपिंग के लिए निकल गई ।
लगभग 1 :00 घण्टा लग गया सारा सामान खरिदते खरीदते । वहा से निकल कर एक छोटे से दुकान पर जाते हैं और सबके लिए छोला - भटूरा ले कर वापस घर के लिए निकल जाते हैं ।