ईश्वर की बनाई ममता की मूरत है ‘माँ’ ,
ईश्वर ने गढ़ी वो अनमोल कृति है ‘पिता’ !
जीवन की तपती धूप में शीतल छाँव है ‘माँ’ ,
जीवन के अंधेरों में प्रदीप्त लौ है ‘पिता’ !
ज़िन्दगी के आशियाने का स्तंभ है ‘माँ’ ,
उस स्तंभ का आधार-‘नींव’ है ‘पिता’ !
मेरे जीवन का अस्तित्व है जिनसे ,
ईश्वर की वो अनमोल सौगात है – ‘माँ और पिता’ !
"माता-पिता - ईश्वर की अनमोल सौगात" माता पिता को समर्पित मेरी स्वरचित कविताओं का संग्रह है, जिसमें माता पिता के स्नेह,त्याग और समर्पण का आभास होता है और हमारे अस्तित्व और पहचान के लिए उनका आभार व्यक्त किया गया है।
आशा करती हूं कि आप सभी को मेरी माता पिता को समर्पित कविताओं का संग्रह पसंद आएगा।
सोनल पंवार ✍️
उदयपुर
राजस्थान