देहरादून: उत्तराखण्ड के हरिद्वार शहर में बारिश के बाद अब निगम की हड़ताल से पूरा शहप प्रभावित है. यह हड़ताल यूं ही नहीं हुई बल्कि सरकार के दो मंत्री की लड़ाई के चलते पूरा हरिद्वार ख़ामियाज़ा भुगत रहा है. सफाईकर्मियों की हड़ताल के पूरा हरिद्वार में गंदगी का ढेर लगा हुआ है, लेकिन अब सुध लेने वाला कोई नहीं.
हड़ताल को भुगत रहा हरिद्वार
बरसात ने पहले लोगों का नुकसान किया और अब सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण जगह-जगह गंदगी फैल गई है. इस दौरान स्थानीय लोगों ने कहा कि नेताओं की लड़ाई की वजह से आम जनता परेशान हो रही है. उन्होंने यह भी कहा कि वे पीएम मोदी इस समस्या का समाधान करने की अपील कर रहे हैं. लेकिन उत्तराखण्ड में यह राजनीति क लड़ाई अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है.
गंदगी का ढेर बना धर्मनगरी हरिद्वार
बताया जा रहा है कि सांसद भगत सिंह कोश्यारी आला नेताओं से दोनों के बीच मध्यस्थता कर मामले को निपटाने की बात कर रहे हैं. इसके साथ ही वे मेयर मनोज गर्ग के कुछ कार्य को सही और कुछ को गलत बता रहे हैं. वहीं, चाहें मेयर पक्ष हो या फिर सतपाल महाराज के पक्ष वाले, हर कोई इस समय सिर्फ राजनीति करने में लगा हुआ है. किसी को न तो शहर की परवाह है और न ही मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि इस झगड़े में आम जनता की क्या गलती है जो वह इन परेशानियों को झेल रही है.
बीजेपी सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी आला नेताओं से दोनों के बीच मध्यस्थता कर मामले को निपटाने की बात कर रहे हैं. मेयर मनोज गर्ग द्वारा कल तुड़वाई गई प्रेम नगर आश्रम की दीवार से किसी को फायदा हुआ हो या न हुआ हो लेकिन उसका नुकसान शहर को जरूर हुआ है. बता दें कि मेयर और उनके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद अब सफाईकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं जिससे शहर में गंदगी का अंबार लग गया है. लेकिन किसे फ़िक्र है क्योंकि जनता की परेशानियों के आगे तो मंत्रियों की शान है.